तोमेश्वर खरे
जोहार छत्तीसगढ़ बेमेतरा।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में अपने स्वार्थ सिद्ध करने तथा अपने पद के दुर्पयोग करते हुए अवैध अतिक्रमण को बढावा देने वालों के हौसले दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ऐसा ही एक मामला नवागढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत के आने वाले ग्राम पंचायत प्रतापपुर की सरपंच पति की मनमानी उजागर हो रहा है। कुछ ग्रामीणों ने उनका विरोध किया फिर भी अपने परिवार को सरपंच होने व उनके रहते तक कोई कुछ भी नहीं कर सकता कहके सरकारी जमीन जो छिरहा मुख्य मार्ग से लगा हुआ है जिनको कब्जा करने के नियत से व्यायसायिक काम्प्लेक्स तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया जब इसका लिखित शिकायत तहसीलदार के समक्ष पहुंचा जहां हल्का पटवारी को मौका मुआयना कराकर उक्त निर्माणाधीन कार्य पर स्थगन आदेश जारी तो किया किन्तु स्थगन आदेश का अवहेलना करते हुए निर्माण कार्य पुनः शुरू कर दिया जिनकी सुचना मिलते ही ग्राम कोटवार मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य ना करने और तहसीलदार के आदेशों को पालन करने की सलाह दी गई। सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध निजी कॉम्प्लेक्स निर्माण कार्य करना समझ नहीं आता की ऐसे जनप्रतिनिधि को किसका समर्थन मिल रहा है। जो शासन के विरुद्ध खड़ा होने के लिए तैयार हो गया, प्रशासनिक उदासीनता की वजह तो नहीं जिनके कारण से ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि सरकारी जमीन को हथियाने के लिए अपने पद का घमंड करते हुए प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं। सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध निजी कांप्लेक्स निर्माण कार्य करना नवागढ़ तहसीलदार उक्त मामले में पंचायत प्रतापपुर में सरपंच के खिलाफ ग्राम पंचायत के वार्ड पंच एक जुट होकर, दबंगई सरपंच की अवैध निर्माण की शिकायत केबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल व तहसीलदार को दिया गया।जिस पर तहसीलदार संज्ञान में लेते हुए स्थगन आदेश जारी किया गया। सरपंच की दबंगई इतनी बढ़ गई कि उन्होंने नवागढ़ तहसीलदार द्वारा अवैध रूप से भवन निर्माण कार्य का स्थगन आदेश की अवहेलना करते हुए कार्य जारी रखा है। सरपंच इस शासकीय जमीन को जो रोड किनारे बेशकीमती इस भवन निर्माण में पुल के नाली को रोक कर अवैध भवन निर्माण किया जा रहा है जिससे बरसात के दिनों में नाली का पानी भवन निर्माण के पास स्कूल व स्वास्थ्य विभाग भवन में पानी भरने की सम्भावना बनी हुई है।
*जनप्रतिनिधि का दबंगई, तहसीलदार का स्थगन आदेश की अवहेलना
सरपंच द्वारा ही ग्राम पंचायत के शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर निजी कंपलेक्स भवन का निर्माण कार्य करना शायद जनप्रतिनिधि होने का दबदबा बनाकर शासकीय भूमि पर अवध अतिक्रमण कर निजी भवन निर्माण करना शासन को धोखा एवं अपनी पद का दुरुपयोग कर शासन को अपूरणीय क्षति पहचाने का प्रयास किया जा रहा है, ग्रामीणों ने नाम उजागर ना होने के डर से हमारे संवाददाता को बतलाया कि अगर ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि ही ऐसा अशोभनीय कृत्य करने लगे तो हम सभी ग्रामीण जनों का क्या होगा ऐसे जनप्रतिनिधि पंचायत के लिए विकास का कार्य नहीं करा सकते। जिस जनप्रतिनिधि को पूरे ग्राम पंचायत द्वारा उनकी मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ ग्राम पंचायत की विकास के लिए मुखिया के रूप में चुना गया शायद उनको जनप्रतिनिधि का मतलब ही नहीं पता है ऐसे जनप्रतिनिधि हमारे ग्राम पंचायत को दीमक के समान धीरे-धीरे ग्राम पंचायत को खोखला कर सकता है।