जोहार छत्तीसगढ़-कांकेर।
सुप्रसिद्ध समाजसेवी संस्था जन सहयोग द्वारा तीन अज्ञात नाम पते वाले नक्सलियों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए जन सहयोग के अध्यक्ष अजय पप्पू मोटवानी ने कहा कि हम लोग समाज सेवक हैं और हमारा काम सेवा का है, जिसमें लावारिस लाश की अंत्येष्टि भी शामिल है। लाश नक्सली की हो तो भी हमें इसलिए फ र्क नहीं पड़ता क्योंकि मृत्यु के बाद सारे शव एक जैसे होते हैं और सब की अंत्येष्टि विधि विधान से किया जाना पुण्य का काम है। आम जनता को मालूम ही है कि 16 अप्रैल को 29 नक्सलियों को पुलिस बल ने मार गिराया था। जिन में से 26 की पहचान की जा सकी और उनकी लाशें परिजनों को सौंप दी गईं। तीन ऐसे निकले, जिनके नाम पते पुलिस को भी बहुत प्रयासों के बाद नहीं मालूम हो सके। शवों के खराब होने के भय से डॉक्टर की सलाह पर पुलिस द्वारा उनकी अंत्येष्टि के प्रबंध के लिए हमारी संस्था जन सहयोग को पत्र दिया गया। इसे स्वीकार करते हुए हम लोगों ने विधि विधान सहित तीनों नक्सलियों का अंतिम संस्कार दूध नदी के तट पर किया। इस पुण्य कार्य में भाग लेने वाले सज्जनों में अध्यक्ष के अलावा जन सहयोग के साथी बल्लू राम यादव, जितेंद्र,प्रताप देव, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक टी के जैन करण नेताम शैलेंद्र देहारी, संत कुमार रजक, पप्पू साहू, संजय ठाकुर, प्रवीण गुप्ता, रानू गुप्ता, प्रेम श्रीवास, गजेंद्र सिंह ठाकुर, थान सिंह सिन्हा आदि ने उत्साह पूर्वक भाग लिया । पुलिस विभाग की ओर से डीएसपी मेख लेंद्र सिंह, उप निरीक्षक लक्ष्मी नारायण नामदेव सहायक उप निरीक्षक चेतन साहू तथा सालिक राम निषाद,आरक्षक दयानंद कुंजाम रामेश्वर कुंजाम छन्नू राम नेगीए ज्ञान सिंह, डोमेश साहू दिवाकर, गोपनीय सैनिक रावटे तथा महिला आरक्षक अमिला उईके आदि की सराहना एवं प्रशंसा पुलिस विभाग, जिला प्रशासन तथा आम जनता द्वारा की जा रही है। अध्यक्ष अजय पप्पू मोटवानी ने अपने वक्तव्य में यह भी बताया कि हमारी संस्था द्वारा सामाजिक कार्यों के लिए कोई चंदा नहीं मांगा जाता है। कोई स्वेच्छा से हम लोगों के साथ श्रमदान करना चाहे, तो उसका हमेशा स्वागत किया जाता है।