जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ वन मंडल में वन संपदाओं की तस्करों द्वारा खुलेआम तस्करी की जा रही है, और वन वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को सब कुछ मालूम होने के बाद भी हाथ पे हाथ धरे बैंठे हैं, वन मंडल धरमजयगढ़ में पहाड़ तोड़कर पत्थर निकालने का मामला हो या फिर अवैध तरीके से पेड़ों को काटाने का मामला हो किसी में भी कोई कार्यवाही नहीं होती है, जिससे तस्करों के हौसले बुलंद हो गया है, और ऐसा नहीं कि इनके उच्च अधिकारियों को इसकी खबर न हो हम आपको बात दे कि बोरो रेंज के जबगा गांव के पास वन विभाग द्वारा ठेेकेदार के माध्यम से डेम का निर्माण करवाया गया है डेम में लगे सभी पत्थर को पहाड तोड़कर लाया गया है जिसकी जानकारी एसडीओ फारेस्ट से लेकर डीएफओ को भी दिया गया था लेकिन किसी ने भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही ठेकेदार के ऊपर नहीं की है। धरमजयगढ़ रेंज में तो अंधाधुन पेड़ों को कांटा जा रहा है और हर दिन समाचार पत्रों की सुर्खिया बन रही है लेकिन वन विभाग के अधिकारियों के कान में जूंह तक नहीं रेंग रही है। बोरो रेंज के जबगा के जंगल में तो वन विभाग के वनरक्षक के मिलीभगत में खुलेआम ईमारती लकड़ी की चिरान हो रहा है?
तस्कर जंगल में ही आरा लगाकर कर रहे चिरान
हम आपको बात दे कि जो चित्र आप लोग देख रहे हैं यह चित्र बोरो रेंज के जबगा बीट का है और इसका बीट गार्ड है उमेश पैंकरा, इस बीट में तस्करों द्वारा जंगल में ही आरा लगाकर ईमारती पेड़ों को कांट कर चिरान बना रहे हैं। और इसकी खबर पूरे गांव वालों को है सिर्फ और सिर्फ वन विभाग के किसी भी अधिकारी-कर्मचारियों को नहीं है क्या ऐसा हो सकता है।
क्या कहते हैं डीएफओ जोगावात
जबगा जंगल हो रहे अवैध लकड़ी चिरान की फोटो वीडियों डीएफओ धरमजयगढ़ को भेजने पर डीएफओ ने बताया कि चेक करवाता हूं लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार की कोई जांच हुआ की नहीं किसी को मालूम नहीं चला।