जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
छाल तहसील की नवापारा पंचायत में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां खरसिया के एक शख्स ने 1995 में पंचायत से लीज पर जमीन ली और उस पर भवन बना लिया। पंचायत को लीज के एवज में हर महीने 300 रुपए का किराया मिलता है। वहीं चल रही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से लीज लेने वाले को हर महीने 13 हजार 200 का किराया मिलता है। पंचायत सालों से लीज दर बढ़ाई जाने पर चर्चा कर रही है। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। छाल तहसील बनने के बाद से यहां सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। तहसील द्वारा पिछले कुछ दिनों से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों की सूची बनाई जा रही है। अतिक्रमण पर जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है। इसी जांच के दौरान पंचायत द्वारा कुछ लोगों को लीज पर जमीन दिए जाने की बात सामने आई। लीज पर दी गई पंचायत की जमीन का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। इस संबंध में पंचायत के जनप्रतिनिधि और अफसर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। नवापारा पंचायत में 1995 में खरसिया के रामचरण अग्रवाल को पंचायत द्वारा किसी वजह से लीज पर दी गई थी। यहां व्यावसायिक निर्माण कराकर उन्होंने जमीन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को किराए से दे दी। तहसील से मिली जानकारी के मुताबिक लीज की जमीन के पीछे रामचरण अग्रवाल की निजी भूमि है। इस संबंध में हमने रामचरण अग्रवाल का पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं किया जा सका।
13200 रुपए मासिक किराए पर एसबीआई शाखा
इस संबंध में एसबीआई शाखा के मैनेजर एमएस करोवा ने बताया कि यहां शाखा 2009 से संचालित है। वर्तमान में इसका किराया 13 हजार 200 रुपए प्रतिमाह है। एग्रीमेंट की ज्यादा जानकारी तो नहीं है लेकिन पंचायत से लीज पर ली गई जमीन पर बैंक बना हुआ है। बैंक के पीछे मकान मालिक की जमीन है।
हर महीने 300 रुपए मिलते हैं
छाल नवापारा पंचायत के सचिव धीरेंद्र गबेल ने बताया कि जिस जमीन पर एसबीआई बैंक की शाखा है, वह 1995 में तत्कालीन सरपंच को 300 रुपए मासिक लीज पर दी गई थी। यह किराया तब से 300 रुपए ही है।