जोहार छत्तीसगढ़-रायपुर।
मामला रायपुर राजधानी का है जहां पर बहुचर्चित हॉस्पिटल नारायणा देवेंद्र नगर का मामला है जहां पर एक मरीज हेमंत यादव निवासी फुटगुना पिथौरा से है जिसका एक्सीडेंट होने के बाद इलाज आयुष्मान कार्ड बीपीएल योजना के अंतर्गत नारायण हॉस्पिटल देवेंद्र नगर में चल रहा था इलाज के दौरान मरिज के परिवार वालों से हॉस्पिटल प्रबंधक के द्वारा 57328 नगद राशि के रूप में पहले से ही जमा जमा कराया गया था। इलाज के बाद जब हेमंत यादव को हॉस्पिटलके द्वारा डिस्चार्ज होने पर 140000 रुपए बिल भुगतान होने के बाद डिस्चार्ज किया जाएगा ऐसा बोला गया। जिसमें परिवार वालों के द्वारा बोला कि शासन के योजनाओं के द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाया गया है जिसमें नि:शुल्क इलाज की बातें सरकार के द्वारा की जाती है। तो यहां पर हम लोग आपको नगद पैसा क्यों दे इस प्रकार की बातें परिवार वालों के द्वारा हुआ पैसा लेनदेन की बातें होने पर हॉस्पिटल प्रबंधक व परिवार वालों के साथ नोंक झोंक की स्थिति निर्मित हो गई स्थिति को देखते हुए मरिज के परिवार वालों द्वारा छत्तीसगढिय़ा युवा क्रांति सेना को बुलाया गया। जिसमें हॉस्पिटल प्रबंधक ने दबाव में आकर मरिज को बिना पैसे के हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। परिवार वालों द्वारा युवा छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना के फार्मासिस्ट राहुल वर्मा संयोजक छत्तीसगढिय़ा युवा क्रान्ति सेना रायपुर जिला व सेनानियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। जिसमें छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना के लोगों ने कहा की शासन की योजनाओं को क्रियान्वन करने के लिए सरकार के द्वारा आयुष्मान कार्ड में 5 लाख तक किया नि:शुल्क का इलाज की दवा करती है और इस शर्त के आधार पर कोई भी अस्पताल प्रबंधक आयुष्मान कार्ड में जिसका इलाज हो रहा है उससेे अधिक पैसा नहीं ले सकता। इसी नियम के तहत आपको सहायता दी गई है अगर किसी भी प्रकार की परेशानी होती है तो हम सभी छत्तीसगढिय़ा भाई आपके साथ खड़े हैं, इस प्रकार भरोसा मरिज के परिवार वालों को दिलाया गया। क्योंकि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा पहले से ही 57328 रुपए मरिज के परिजनों से ले चुके राशि के बदले जो बिल दिए थे उसे अस्पताल प्रबंधन के द्वारा वापस जमा ले लिया गया। लेकिन उनका जो पैसा जमा है उसे वापस अभी तक नहीं दिया गया है जीस पर क्रांति सेना के सदस्यों ने कहा कि आपकी मांगे जल्द पूरी की जाएगी।
निजी अस्पतालों में क्यों नहीं हो रहा शासन की योजनाओं पालन
मामला राजधानी का है जहां पर हॉस्पिटलों का बहुत सारे समूह है हॉस्पिटल है जहां पर मरीजों का इलाज फ्री में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से होना सरकार के द्वारा सुनिश्चित किया गया है। उसके बावजूद भी निजी अस्पतालों के द्वारा मरीजों से क्यों पैसे वसूले जा रहे हैं इस प्रकार अस्पतालों के द्वारा मरीजों से अवैध रूप से पैसा लूटने का धंधा कब बंद होगा। यह बात विधानसभा में भी उठना था लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है ऐसे बड़े-बड़े अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड के द्वारा जो सेवा दे रहे हैं उसे सरकार को जल्द से जल्द बंद करनी चाहिए। जबकि इस प्रकार की अनैतिक कार्यों को नियंत्रण करने के लिए सरकार के द्वारा प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है उसके बावजूद भी इस प्रकार की शिकायतें आ रही है। जिसमें नोडल अधिकारी को तुरंत संज्ञान में लेते हुए शिकायत की जांच करनी चाहिए जिससे गरीब लोगों को फ्री में इलाज हो सके। अब सोचने वाली बात यह होगी कि खबर प्रकाशन के बाद क्या निजी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इस प्रकार की लूट बंद होती है या नहीं वह बाद में प्रकाशित किया जाएगा।
सरकार के दिशा निर्देश
अब बात करते हैं सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड को लेकर कुछ दिशा निर्देशों की प्रक्रिया की तो सरकार द्वारा पहले ही मरिज का आयुष्मान कार्ड से इलाज होता है उसका पैकेज पहले ही सरकार तैयार कर चुकी है और निजी अस्पतालों को यह दिशा निर्देश भी है कि पैकेज के अलावा मरीज से पैसा नहीं लेने है उसमें दिशा निर्देश दिए गए हैं। शिकायत की जानकारी प्राप्त हुआ था। मरिज के परिवार वालों को बोला गया था कि पैसा नहीं देना है तथा अस्पताल प्रबंधक को निर्देशित किया गया था कि इससे पैसा नहीं लेना है जिस पर अस्पताल प्रबंधक द्वारा बिना पैसा लिए मरीज की छुट्टी की गई थी अगर पैसे की लेनदेन हुआ है तो रसीद प्रस्तुत करने पर पैसा वापसी किया जाएगा। अगर लिखित शिकायत होती है तो उचित कार्रवाई भी किया जाएगा। जिला आयुष्मान अधिकारी यह जानकारी फोन के माध्यम से ली गई है।