जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
एसईसीएल छाल द्वारा अपने खदान विस्तार को लेकर ऐडू में भारी मात्रा में पेड़ों की कटाई करवाया जा रहा है। ऐडू खदान विस्तर करने के नाम पर सैकड़ों पेड़ों को बड़ी-बड़ी मशीन लगाकर उखाड़कर वहीं छोड़ दे रहे हैं, और ग्रामीणों द्वारा अवैध तरीके से लकड़ी को टे्रक्टर में भर-भरकर ले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि किसी एसकेए कंपनी द्वारा ओबी (मट्टी हटना) खदान से खोदकर कोयला निकाले का ठेका लिया गया है जिनके द्वारा अंधाधून पेड़ों को मशीन लगाकर काटा जा रहा है, और बड़े-बड़े वृक्ष को काटकर छोड़ा जा रहा है। जबकि शासन के नियम अनुसार एसईसीएल द्वारा पेड़ों को वन विभाग से कटवाना चाहिए ताकि काटे गये वृक्ष की लकड़ी को काष्ठागार में लाकर नीलामी किया जा सके। लेकिन एसईसीएल छाल द्वारा ऐसा न कर अपनी मनमानी करते हुए ठेकेदार के माध्यम से सैकड़ों एकड़ भूमि में लगे पेड़ को काटकर फेंक दे रहे हैं। मजेदार बात है कि एसईसीएल के अधिकारी ऐडू खदान के लिए किये जा रहे विस्तार में कट रहे पेड़ों को उनके द्वारा नहीं काटने की बात कर रहे हैं। और कह रहे हैं कि न तो एसईसीएल पेड़ काटेगा और न ही ठेकेदार, ठेकेदार पेड़ काटने के लिए अधिकृत नहीं है पेड़ तो वन विभाग ही काटेगा।अब आप चित्र में देख सकते हैं कि किस कदर पेड़ों को काट कर जंगल साफ कर दिया गया है और वहीं ग्रामीणों द्वारा अपने ट्रेक्टर में ठेकेदार द्वारा अवैध तरीके से कांटे गये पेड़ की लकड़ी को कैसे ले जा रहे हैं। बताया जाता है कि इस क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा भारी मात्रा में काटे गये वृक्ष की लकड़ी को अपने घर ले गये हैं। अब आप खूद अनुमान लगा सकते हैं कि एसईसीएल में किस कदर धांधली चल रही है।
जानिए : क्या कहते हैं अधिकारी और ठेकेदार
जब ऐडू में कोयला खदान विस्तार के लिए कांटे जा रहे पेड़ों के संबंध में भू-राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐडू में हमारे द्वारा किसी प्रकार की कोई पेड़ कटाई नहीं किया गया है, खदान विस्तार के लिए जो पेड़ की कटाई होनी है उसे वन विभाग से कटवाया जायेगा मैं फोन के माध्यम से वन विभाग को जानकारी दे दिया हूं और लिखित में पत्रचार कर रहा हूं। ताकि प्रभावित वृक्षों की कटाई हो सके और खदान का विस्तार होने में परेशानी न हो। जब ऐडू खदान के ओबी (मट्टी हटना) खदान से खोदकर कोयला निकाले वाले ठेकेदार एसकेए कंपनी के मुंशी से उनका मोबाईल नंबर 9131276972 से बात कर पूछा गया कि क्या आप लोगों द्वारा खदान में प्रभावित क्षेत्र का वृक्ष की कटाई की जा रही है तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हमारे कंपनी द्वारा कोई भी पेड़ की कटाई नहीं कि जा रही है। ग्रामीणों द्वारा काट कर लकड़ी ले जा रहे हैं तब हमने प्रतिउत्तर में पूछा की जो बड़े-बड़े मशीन से पेड़ को गिराया जा रहा है वह मशीन किनका है तो उनका कहना था कि मशीन हम लोगों द्वारा ग्रामीणों को उपलब्ध करवा दे रहे हैं ग्रामीण उसी मशीन से पेड़ को काटकर व गिरकार लकड़ी ले जा रहे हैं। जब हमने वन विभाग के छाल रेंज के रेंजर मस्कुले से बात की तो उन्होंने बताया कि मैं अभी ऑफिस में नहीं फिल्ड में हूं ऑफिस जाकर बता सकता हूं एसईसीएल द्वारा इस संबंध में कोई पत्रचार किया है कि नहीं।