जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। धरमजयगढ़ वन मंडल के बोरो रेंज क्षेत्र में अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही के कारण आये दिन क्षेत्र में अवैध तरीके से वन संपदाओं का दोहन का सिलसिला जारी है, और इस पर लगाम लगाने वाला इस वनमंडल में शायद कोई नहीं है जिसके कारण लगातार वन संपादाओं का दोहन हो रहा है। बोरो रेंज के अधिकारी-कर्मचारियों की मिली भगत से तस्करों द्वारा बलपेदा जंगल से आये दिन पहाड़ तोड़कर पत्थर का उत्खनन कर रहे हैं और इसकी शिकायत करने पर रेंजर किण्डो तस्कर को बचाने के लिए उनका पक्ष बड़े ही मजबूती के साथ रखते हैं क्योंकि पहाड़ तोड़कर जो पत्थर निकाल रहे हैं उस पत्थर से ठेकेदार वन विभाग द्वारा निर्मित डैम का निर्माण कर रहे हंै। जबकि शासन के नियमानुसार ठेकेदार को पत्थर बाहर से खरीद का लाना है न कि पहाड़ को तोड़कर, लेकिन ठेकेदार द्वारा जो पहाड़ तोड़कर पत्थर निकाल रहे हैं इसकी जानकारी वन विभाग के छोटे से कर्मचारी से लेकार बड़े अधिकारी को है। इससे तो ऐसा लगता है कि वन विभाग की मिली भगत से ही इस अवैध काम को अंजाम दिया जा रहा है।
जानिए: क्यों कांट रहे ग्रामीण बड़े-बेड़ वृक्ष को
बोरो रेंज में सिर्फ अवैध उत्खनन ही नहीं हो रही है, इस रेंज में तो अवैध तरीके से जंगल को साफ करने का सिलसिला भी जारी है। आज हम बात कर रहे हैं बोरो रेंज के सिरकी गांव की इस गांव के जंगल में अंधाधुन अवैध तरीके से बड़े-बड़े ईमारीत पेड़ों की बली चढ़ाई जा रही है, और वन विभाग के ना तो रेंज को इसकी खबर है और ना ही वन रक्षक को, जंगल को देखने से तो लगता है कि लंबे समय से इस जंगल में पेड़ों की कटाई की जा रही है। जबसे छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीणों को वन अधिकार पट्टा देने का ऐलान किया है तब से जंगल की कटाई अधिक हो रही है। शासन के नियम अनुसार 75 साल से काबिज लोगों को ही वन अधिकार का पट्टा जारी करना है लेकिन धरमजयगढ़ वन मंडल में इस नियम का कोई मायने नहीं रखता है, जिसका नतीजा है कि ग्रामीण वन अधिकार पट्टा पाने के लिए जंगल को साफ कर दे रहे हैं। सिरकी गांव में ग्रामीणों द्वारा सैकड़ों पेड़ को काट डाले हैं तो वहीं कई एकड़ को कब्जाने के लिए बड़े -बड़े वृक्ष को काटने की तैयारी कर रहे हैं, ग्रामीणों ने सैकड़ों बड़े-बड़े वृक्ष मर जाये इसलिए नीचे से वृक्ष की छाली को पूरी तरह से कांट कर साफ कर दिया है ताकि पेड़ सुख जाये और उसे कांट कर फेंक दे ताकि वन विभाग को लगे के पेड़ मर चुका है। वास्ताविक में पेड़ को सुखाने के लिए ग्रामीणों ने इसकी छाली को निकाल दिया है। मजेदार बात है कि कई-कई एकड़ जंगल कटकर साफ हो जा रहे हैं और इनके वन रक्षक को मालूम न हो ऐसा हो नहीं सकता है। इतनी अधिक मात्रा में तभी वनों की कटाई हो सकती है जब विभागीय अधिकारी-कर्मचारी की मिली भगत हो?
क्या होगी अवैध कटाई पर कार्यवाही?
वन विभाग में हो रही अवैध उत्खनन व अवैध पेड़ कटाई के बारे में जब धरमजयगढ़ डीएफओ जोगावत से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पत्थर के मामले में हमने जांच के आदेश दे दिये हैं आप लोग एसडीओ फारेस्ट से जानकारी ले लीजिए, पत्थर उत्खनन करने वालों पर पीआर काटा गया है। तो वहीं बोरो रेंज में हो रही अवैध कटाई के संबंध में डीएफओ ने बताया कि मैं इसकी जांच करवाता हूं। अब देखना होगा की जांच होता है या नहीं और अगर जांच होता है तो फिर कार्यवाही के नाम पर क्या करते हैं?