जोहार छत्तीसगढ़-घरघोड़ा।
गुणवत्ताहीन शिक्षा न देशहित में है और न शिक्षण संस्थानों के और न ही विद्यार्थियों के अफसोस है कि जिले में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है। सरकार स्तर सुधारने के लिए पानी की तरह पैसा बहाती है। इसके बावजूद शिक्षा की बदहाली एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। मामला विकासखंड घरघोड़ा के प्राथमिक शाला व पूर्व माध्यमिक शाला फगुरम के शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है विगत लगभग 13 वर्षों से कार्यरत शिक्षिकाओं द्वारा ना तो बच्चों को पढ़ाया जा रहा है और ना ही सही समय पर विद्यालय आकर अनुशासन का पालन नहीं किया जा रहा है विडंबना यह है कि कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक के बच्चों को मात्रा व पहाड़ा व शब्द ज्ञान नहीं आ रहा है इस बात को पालक या गांव के अन्य व्यक्तियों के द्वारा बोले जाने पर पूर्व में शिक्षकों द्वारा पुरुषों के खिलाफ छेडख़ानी एवं गंदे-गंदे आरोप लगाकर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराया गया था और जब भी सुधार की बात कही जाती है शिक्षिकाओं द्वारा यह धमकी बार-बार गांव वालों को दी जाती है गणतंत्र दिवस के मौके पर समस्त ग्रामवासी एवं जनप्रतिनिधियों को सम्मान पूर्वक आमंत्रित किया गया था कार्यक्रम के दौरान बीच में ही शिक्षिका टेरेसा चौहान द्वारा कार्यक्रम को मंच में चढ़कर बंद कर दिया गया वहां उपस्थित जनप्रतिनिधियों के पूछने पर शिक्षिका टेरेसा चौहान ने कहां गया मेरा स्कूल है मैंने बंद किया है इसमें पूछने वाले आप कौन हैं इतना कह कर लड़ाई शुरू कर दिया गया वहां उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों बीडीसी पंच सरपंच को गाली देते हुए शिक्षिका निशा डनसेना एवं शिक्षिका टेरेसा चौहान ने चप्पल से मारने की बात कही गई व प्रधान पाठक देवांगन को बेटे से मारने की बात कही गई एवं मेरा कोई कुछ नहीं कर सकते कहकर धक्का मुक्की करने लगी पहले कई बार मध्यान्ह् भोजन बनाने वाली महिलाओं से भी लड़ाई-झगड़ा कर चुके हैं।
क्या कहते शिक्षक
* हमें हटाने झूठे इल्जाम लगाए जा रहे हंै हमारे साथ बीडीसी लता खुटे बत्तमीजी कि अब गांव के कुछ लोगों के साथ मिलकर मानसिक दबाव बना रहे व सस्पेंड करने कि धमकी दि जा रही है। टेरेसा चौहान, प्रधान पाठक
* लता खुटे द्वारा हमारे साथ स्कूल परिसर में 26 जनवरी को बतमीजी कि गई अब झूठे शिकायत कर हमें सस्पेंड करने धमकी दी जा रही है। निशा डन्सेना,शिक्षक
ग्रामीणों का क्या कहना
* जब तक यह दोनों शिक्षिकाओं को इस स्कूल से नहीं हटाया जाता है तो हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे और आगे भी हमारा आंदोलन चलता रहेगा।
क्या कहते हैं प्रधान अध्यापक
किशोर कुमार देवांगन प्रधान अध्यापक, टेरेसा चौहान और निशा डनसेना कि शिकायत कई बार ऊपर की जा चुकी है पर इन पर किसी प्रकार का कार्यवाही नहीं कर इनकी हौंसला को बुलंद किया जा रहा है। जिस वजह से आज हमारे स्कूल का नाम पूरे जिले में बदनाम हो रहा है। अगले महीने बच्चों का वार्षिक परीक्षा होने वाला है पर इन परिस्थितियों को देखकर मुझे बच्चों की पढ़ाई की चिंता है।
क्या कहते विकासखंड शिक्षा अधिकारी
जांच प्रस्तावित है जल्द ही समस्या का निराकरण किया जाएगा।