जोहार छत्तीसगढ़ रायपुर।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में जनता को एक सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिल पा रहा है वह है शराबबंदी, शराबबंदी एक ऐसा मुद्दा है जिसे जनता को जवाब अभी तक नहीं मिल पा रहा है
कांग्रेस सरकार द्वारा हाथ में गंगाजल लेकर शराब बंदी की कसम खाई थी की हमारी सरकार आती है तो छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी करेंगे जो पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में आई थी लेकिन शराब बंदी नहीं कर पाई तो कहीं ना कहीं, उस कार्य का परिणाम देखने को मिला है, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता हाथ से चली गई।
लगातार शराबबंदी को लेकर भाजपा सरकार के कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस को बार-बार घेरा जाता था, जबकि अभी बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ गई लेकिन शासन प्रशासन द्वारा अभी तक उचित कार्य शराबबंदी के संबंध में नहीं किया गया है।
मदिरा प्रेमी के जेब में डांका क्यों डाला जा रहा है?
छत्तीसगढ़ की जनता चाहती थी कि छत्तीसगढ़ में न्याय हो लेकिन अभी तक इस सवाल का जवाब किसी को नहीं मिला है। इस प्रकार शराब भट्ठियों में ओवर रेट का खेल खेला जा रहा है इसी कड़ी में नेवरा तिल्दा देसी विदेशी मदिरा दुकानों में ओवर रेट में शराब बेची जा रही थी। जिसे कुछ न्यूज़ के माध्यम से प्रकाशित भी किया गया था। जिसमें आबकारी अधिकारी द्वारा खबर के असर में जांच में आई थी, लेकिन क्या कार्यवाही हुआ है उसकी जानकारी, क्या धारा लगाया गया है, खबर प्रकाशन होते तक नहीं मिल पाई है।
किसके इशारे पर हो रहा ओवर रेट का खेल?
लेकिन इसकी जानकारी अभी तक नहीं हुई है कि इस प्रकार शासकीय शराब दुकानों में प्लेसमेंट कर्मचारियों द्वारा या किसके इशारे पर अधिक मूल्य पर शराब बेची जा रही हैं इसकी जानकारी अभी तक नहीं हुई है। अवगत हो कि पूर्व में ए टू z प्राइवेट लिमिटेड कंपनी उस समय ओवर रेट का खेल लगभग बंद हो गया था, लेकिन सुमित फैसिलिटी कंपनी आने से फिर से ओवर रेट का खेल सामने आ रहा है क्या इसमें प्लेसमेंट कंपनी के द्वारा दबाव है या किसी और दबंगों के इशारे पर,इस की कार्य हो रहा है जानते हैं अगली प्रकाशन में !