जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ विकास खण्ड के भालूपखना गांव में धनवादा कंपनी द्वारा 7.5 मेगावॉट बिजली उत्पादन करने निर्माण कार्य किया जा रहा है। धनवादा कंपनी मनमानी तरीके से बिना अनुमति के निर्माण कार्य करने का सिलसिला जारी है। इनकी मनमानी पर स्थानीय प्रशासन किसी भी प्रकार की कोई प्रतिबंध नहीं लगा रहे हैं। जिसका नतीजा है कि इनके हौसले बुलंद हो गये हैं। ऐसा लगता है कि इनको किसी भी प्रकार की शासन-प्रशासन की कोई डर भय नहीं है, शासन की नियम कानून को अपने जेब में रखकर निर्माण कार्य को अंजाम दे रहे हैं। राजस्व वन भूमि की जमीन पर इनके द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है इसकी खबर वन विभाग को होने के बाद भी वन विभाग किसी भी प्रकार की इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। धनवादा कंपनी द्वारा सिर्फ वन भूमि पर निर्माण ही नहीं कर रहे हैं ये लोग तो नदी नाले को भी बड़े-बड़े मशीन से पाट रहे हैं इनको नदी-नाला पाटने की अनुमति मिला है कि नहीं बताने वाले कोई भी अधिकारी नहीं हैं सब मौन धारण कर रखे हैं।
इससे तो ऐसा लगता है कि धनवादा कंपनी वालों ने धरमजयगढ़ अधिकारी-कर्मचारियों को अपने … रख लिए हंै? जिसके कारण ये लोग खुलेआम नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए नदी नाले को पाट कर बराबर कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कंपनी वाले किसी का भी नहीं सुनते हैं ये लोग अपनी मनमानी करने तुला हुआ है। धनवादा कंपनी द्वारा बड़े-बड़े मशीन नदी-नाला पाटने लगा रखे हैं, अब सवाल उठता है कि क्या इसकी खबर स्थानीय प्रशासन को नहीं है, अगर नहीं है तो इनके मदानी कर्मचारी क्या विकास मुख्यालय में ही रहते हैं, ये अपने मुख्यालय नहीं जाते हैं? और अगर जाते हैं तो फिर नियम कानून की धज्जियां उड़ाने वाले लोगों की जानकारी अपने उच्च अधिकारी क्यों नहीं देते हैं? ये तो तब पता चलेगा जब इस अनियमितता की जांच होगी तब लेकिन सवाल उठता है कि इसकी जांच की आदेश देगा कौन?