जोहार छत्तीसगढ़ – धरमजयगढ़।
युवाओं के प्रेरणास्रोत, धार्मिक गुरु और विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम मानने वाले प्रकांड विद्वान स्वामी विवेकानंद की जयंती बड़े ही गरिमामय पूर्ण वातावरण में सेजेस धरमजयगढ़ में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुवात संस्था प्राचार्य हकीम उल्ला खान, प्रधान पाठक माध्यमिक विद्यालय सत्यजीत पुरकायस्थ, प्राथमिक शाला रूबी दुबे सहित समस्त शैक्षणिक स्टाफ एवं सभी बच्चों की उपस्थिति में स्वामी जी के तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं पूजा अर्चना से हुई। तत्पश्चात संस्था प्रमुख के द्वारा स्वामी के जीवन परिचय पर संक्षिप्त प्रकाश डाले और उनके दिए हुए आदर्श वाक्य को हमारे जीवन मे उतारने की बात कही।
इसी क्रम में शिक्षिका रूबी दुबे के द्वारा स्वामी के जीवन परिचय सहित उनके विश्व भ्रमण और हिन्दू धर्म के प्रचार को अवगत कराया। शिक्षक सत्यजीत के द्वारा स्वामी के दिए आदर्श वाक्य को बच्चों के साथ दुहराया। शिक्षक उनीत साहू के द्वारा स्वामी के जीवन से जुड़ी एक महत्त्वपूर्ण घटना का वर्णन किया जो हमे हमारे जीवन के लक्ष्य को साधने में मदद करती है।
विभिन्न छात्र छात्राओं के द्वारा क्रमशः हिंदी और अंग्रेजी में स्वामी विवेकानंद और उनके जीवन तथा आध्यात्मिक उपदेश के साथ युवाओं के प्रेरणा भरी बातों को अपने भाषण में शामिल किए। जिनमे मिडल के पूनम, आराध्या, तरुण कुमार, निहारिका, , सानवी, वंदना, हेमंती, ज्योति, सहित प्राइमरी से समृद्धि, स्वधा और अदिति के द्वारा बहुत ही मधुरता के साथ स्वामी के जीवन पर कविता और गीत को प्रस्तुत किया गया।
सारगर्भित शब्दों में बच्चों एवं युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी का जीवन ध्यान, एकाग्रता और योग के साथ ही धर्म और विश्व की एकता और अखंडता को सिखाती है।