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दुकान प्रभार लेते ही कर रहे ओवर रेट लोगों के जेब में डाला जा रहा डाका, चुनाव के रिजल्ट आने से पहले ही शराब दुकानों में रुझान चालू, शराब प्रेमियों के जेब में सुपरवाइजर डाल रहा डाका, आखिर अधिक मूल्य पर क्यों बेचे जा रहे शराब

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जोहार छत्तीसगढ़-रायपुर।

मामला रायपुर जिला का है जहां पर खुलेआम अधिक मूल्य पर शराब बेची जा रहे हैं चौकाने वाली बात यह है कि मंदिर हसौद के कंपोजिट देसी शराब दुकान में नए सुपरवाइजर के रूप में पीतांबर चेलक जो की 29 नवम्बर 2023 को सुपरवाइजर के रूप में कंपोजिट दुकान मंदिर हसौद में सुपरवाइजर के रूप में चार्ज लिया है और रायपुर 30 नवम्बर 2023 को बेखौफ होकर 80 मूल्य है प्लेन मदिरा 100 में बेचा जा रहा है,110 मूल्य की मसाला शराब 120 में निडर होकर के विक्रय किया जा रहा है, वही बात करें गोवा की तो 120 मूल्य की गोवा 150 रुपए में बेची जा रही है। जिसे हमारे संवाददाता के ओवर रेट क्यों किया जा रहा है ऐसा कोई आदेश है क्या पूछने पर सुपरवाइजर के द्वारा टूट-फ ूट के लिए किया जाता है ऐसा जवाब आया तो क्या टूट के लिए सवेरे से शाम रात तक ओवर रेट किया जाता है या तो अधिकारी ही बताएंगे खबर प्रकाशन होने तक अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया। और सुपरवाइजर जो है पत्रकार को आए देख मुंह को गमछे से ढक लिया, जबकि सवेरे से रात तक अधिक मूल्य पर शराब विक्रय कर रहे हैं। जिसमें अधिकारी कर्मचारी का अनभिज्ञ होना कई तरह के सवाल उत्पन्न हो रही है। छत्तीसगढ़ की जनता जो एक अच्छे सरकार की चाह में मतदान दिए चौक लेकिन अभी रिजल्ट भी नहीं आया है और इस प्रकार कालोगों के जब को लूटा जा रहा है सवेरे से शाम तक लाखों रुपए की वसूली की जा रही है आखिर यह पैसा किस में वितरित किया जा रहा है यह सोचेे वाली बात है एबता दे की इससे पहले 3 वर्ष तक 2-2्र कंपनी था जिसमें ओवर रेट का शिकायत नहीं के बराबर था लेकिन जब से सुमित प्लेसमेंट कंपनी आई है तब से ओवर रेट का खेल चालू होते नजर आ रहा है। अगर इसमें सुमित कंपनी की मिलीभगत नहीं होगी तो सुपरवाइजर के ऊपर कारवाई होगी यह खबर प्रकाशन के बाद ही पता चलेगा। जब संवाददाता ने दुकान प्रभारी एवं अधिकारी को फ ोन पर संपर्क किये जाने पर कोई जवाब नहीं दिया गया। सोचने वाली बात यह है कि एक दिन पहले सुपरवाइजर की चार्ज लेने वाला व्यक्ति इस प्रकार ओवर रेट का नंगा नाच नहीं कर सकता इसके पीछे अधिकारी-कर्मचारीयों की मिली भगत की ओर इशारा करती है। अब देखते हैं खबर प्रकाशन के बाद अधिकारी कर्मचारी किस प्रकार की कार्य करते हैं या यूं ही जानता के जेब में डाका डाला जाता है।

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