जोहार छत्तीसगढ़-रायगढ़।
धरमजयगढ़ क्षेत्र अंतर्गत बेहरामार के मरघटीपतरा जंगल में बीते दो दिन पूर्व वन्य प्राणी मादा हाथी मृत अवस्था में पड़ा मिला था। वन विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए पशु चिकित्सा अधिकारी को जांच हेतु बुलवाया गया। पशु चिकित्सा अधिकारी के दल द्वारा जांच उपरांत पाया गया कि हाथी की मृत्यु विद्युत करंट से हुई है। जिसके पश्चात वन विभाग ने कार्यवाही करते हुए 4 संदेही आरोपियों को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम की धारा के तहत माननीय न्यायालय धरमजयगढ़ के समक्ष न्यायिक अभिरक्षा हेतु पेश किया गया एवं माननीय न्यायालय द्वारा उपरोक्त आरोपियों को 14 दिनों का न्यायिक अभिरक्षा हेतु जिला जेल दाखिल किया गया है।
वनमंडलाधिकारी धरमजयगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार 23 अक्टूबर को समय लगभग शाम 5 बजे परिसर बहेरामार में कक्ष क्रमांक 548 पीएफ स्थानीय नाम मरघटीपतरा जंगल में वन्य प्राणी मादा हाथी मृत अवस्था में पड़ा मिला। पशु चिकित्सा अधिकारी के दल द्वारा जांच उपरांत पाया गया कि हाथी की मृत्यु विद्युत करेंट से हुयी है। वन विभाग की टीम द्वारा संदेह के आधार पर तहसील छाल ग्राम-मुनुन्द के नंदकुमार राठिया, महादेव राठिया, जयसिंह एवं हृदय राम राठिया को पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान उनके द्वारा बताया गया कि 11000 बोल्ट से अवैध हुकिंग कर 810 मीटर तक बांस खूंटी के सहारे नंगा जीआई तार फैलाकर करंट लगाया गया था। जिसके संपर्क में आकर जंगली मादा हाथी की मृत्यु हुई है। घटना स्थल के आसपास में जंगली हाथियों का विचरण क्षेत्र है। आरोपियों द्वारा विद्युत तार फैलाकर करंट लगाने से एक वन्य प्राणी की हत्या कर दी। आरोपियों ने मौके पर से साक्ष्य नष्ट करने के उद्देश्य से सारे तार खूंटा आदि निकालकर छिपा दिया था, जिसे वन अमलों द्वारा पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा छिपाये गये तार को बताया एवं जप्त कराया तथा वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपियों को जेल दाखिल किया गया है।