जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का उल्टी गिनती शुरू हो गई है। दो चरणों में विधानसभा चुनाव होना है पहले चरण में 20 सीट और दूसरे चरण में 70 सीट पर चुनाव संपन्न होंगे। रायगढ़ जिले में 17 नवंबर को वोट डाले जायेंगे। भाजपा चाहता है कि छत्तीसगढ़ में किसी भी हाल में सरकार में वापसी करना है, भाजपा पहले प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस को झटका देने का काम किया। धरमजयगढ़ से हरिशचन्द्र और खरसिया महेश साहू को प्रत्याशी बनाया। वर्तमान विधायक के 10 साल का कार्यकाल से क्षेत्रवासियों को विधायक के प्रति नाराजगी देखने को मिल रहा है वहीं भाजपा प्रत्याशी हरिशचन्द्र की सरल स्वभाव के कारण विधानसभा की जनता पसंद भी कर रहे हैं। देखा जाए तो भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर है, धरमजयगढ़ विधानसभा में पहली बार ऐसा दिखने को मिल रहा है कि भाजपा-कांग्रेस में इतनी जबदस्त टक्कर है, अगर ऐसा स्थिति रहा तो भाजपा धरमजयगढ़ सीट में एक बार फिर कमल खिलाने में सफल होगी। भाजपा में जो स्थिति दिखाई दे रहा है उससे तो ऐसा लगता है कि इसबार भी भाजपा गुटबाजी में अपनी लुटिया डूबो लेगी। गुटबाजी में कांग्रेस से बहुत आगे भाजपा चल रहा है। प्रदेश भाजपा धरमजयगढ़ विधानसभा को अपने पक्ष में करने के जिले में प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी न्यूक्त किया है। ताकि धरमजयगढ़ विधानसभा में जीत हासिल कर पाये जैसे घरघोड़ा से अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष, जिला महांमत्री, जिला उपाध्यक्ष, जिला मंत्री जैसे पदों से कार्यकर्ताओं को नवाजा है। लेकिन इसके बाद भी घरघोड़ा में गुटबाजी चरम पर है, पद पाने के बाद ये लोग अब कार्यकर्ता नहीं नेता बन गये हैं। जमीनी कार्यकर्ताओं को कुचलने का काम कर रहे हैं। इनके कार्य प्रणाली से कर्यकर्ताओं में जबदस्त नाराजगी देखने को मिल रहा है। हमने पहले भी बता चूकें हैं कि जिला स्तर के नेताओं द्वारा आदिवासी नेताओं को किस तरह से नजर अंदाज किया जा रहा है। घरघोड़ा क्षेत्र कुछ जिला स्तरीय नेताओं द्वारा अब क्षेत्र के आदिवासी नेताओं को निपटाने का काम कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार घरघोड़ा क्षेत्र के एक आदिवासी नेता को विधानसभा का संचालक बनाकर पूरी तरह निपटाने का पूरा प्लान बना लिया है। किसी आदिवासी नेता को चुनाव का प्रभार देने के बाद नगर के नेता पार्टी विरोधी कार्य करते हुए भाजपा प्रत्याशी को हराने का काम करेंगे। ताकि आदिवासी नेता पूरी तरह से पार्टी में बदनाम हो जाये? अगर ऐसा हुआ तो भाजपा इसबार भी धरमजयगढ़ विधानसभा में कमल नहीं खिला पायेगी? अगर भाजपा को धरमजयगढ़ विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना है तो प्रदेश नेतृत्व को संज्ञन लेकर इन नेताओं पर कार्यवाही करनी चाहिए ताकि गुटबाजी न कर पाये।