जोहार छत्तीसगढ़ – धरमजयगढ़।
क्षेत्र में निजी कंपनियों के द्वारा नियमों को धता बताते हुए लगातार अवैध गतिविधियों को बेधड़क अंजाम दिया जा रहा है। वहीं, ऐसे कारनामों को जिम्मेदारों के द्वारा गंभीर रूप से नजरअंदाज किए जाने का सिलसिला जारी है। अब धरमजयगढ़ क्षेत्र में एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसमें परियोजना में प्रभावित होने वाले सैकड़ों पेड़ो को अवैध तरीके से काट दिया गया। हैरानी की बात यह है कि कंपनी के द्वारा सैकड़ों की संख्या में प्रभावित पेडों की अवैध कटाई कर दी गई और किसी को भी कानोकान खबर नहीं हुई। यह पूरा मामला धरमजयगढ़ तहसील के भालूपखना का है। जहां धनवादा पावर एन्ड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के द्वारा एक लघु जल विद्युत परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसमें फिलहाल साइट पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। अब इस परियोजना को लेकर एक बड़ी भर्राशाही सामने आई है। इस प्रोजेक्ट में प्रभावित हुए सैकड़ों वृक्षों को अवैध तरीके से कटवाकर गायब कर दिया गया। इस पूरे मामले पर संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच पति ने बताया कि परियोजना के लिए काटे गए वृक्षों की संख्या करीब एक हजार रही होगी। उन्होंने बताया कि कंपनी के द्वारा जेसीबी मशीन से पेड़ो को धराशायी करते हुए उसे दफना दिया गया। सरपंच पति ने बताया कि पेड़ कटाई के दौरान कोई भी विभागीय अधिकारी या कर्मचारी वहां मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि कंपनी के द्वारा मनमाने ढंग से और भी कई काम किया जा रहा है। इस तरह धनवादा कंपनी के इस प्रोजेक्ट में प्रभावित सैकड़ों पेड़ों की अंधाधुन अवैध कटाई कर दी गई। इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि किन लोगों के शह पर कंपनी के लोगों ने इस तरह की दबंगई दिखाने की हिम्मत की। इस हैरतअंगेज कथित कारनामे को लेकर इस प्रोजेक्ट के मैनेजर ने बताया कि काम शुरू होने के बाद वे बाहर चले गए थे। उन्होंने एक नंबर पर बात करने की बात कहते हुए रोहित श्रीवास्तव का नंबर दिया। रोहित ने कहा कि प्रभावित पेड़ों की मुआवजा राशि शासन को अंतरित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि पेड़ किसने काटे और कहां गए इसकी जानकारी नहीं है।