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131 लाख टन धान से बना 86.50 लाख टन चावल खरीदने केंद्र सरकार तैयार:-ओपी…हिम्मत है तो भूपेश सरकार इस दावे को झुठलाए ओपी की चुनौती

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जोहार छत्तीसगढ़ – रायगढ़।

छत्तीसगढ़ में हो रही धान खरीदी मे केंद्र सरकार के योगदान के बारे में विस्तार से बताते हुए भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने पांच वर्षो के आंकड़े साझा किए। साथ ही भूपेश सरकार को सार्वजनिक मंच से चुनौती देते हुए कहा हिम्मत है तो सरकार इन आंकड़ों को झुठलाए । वर्ष 2017–18 में केंद्र ने 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदा जबकि प्रदेश सरकार द्वारा 36 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था। वर्ष 2018–19 में 24 लाख मेट्रिक टन चावल खरीदा गया जबकि राज्य सरकार द्वारा 36 लाख मेट्रिक टन धान खरीदा गया। इस दौरान छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए धान को स्थानीय राइस मिलरो द्वारा चावल में बदला जाता है । धान से चावल बनाने की प्रक्रिया के दौरान केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को धान का समर्थन मूल्य धान खरीदी हेतु बोरे सुतली की धन राशि राइस मिल तक धान परिवहन की राशि मुहैया कराई जाती है। वर्ष 2021–22 के दौरान केंद्र सरकार ने 61 लाख मेट्रिक टन चावल खरीदा राज्य सरकार ने 95 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की। राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए 95 लाख टन धान में से 92 लाख मेट्रिक टन धान द्वारा निर्मित चावल केंद्र की सरकार द्वारा खरीदा गया।
वर्ष 2022 –23 के दौरान केंद्र सरकार द्वारा 61 लाख मेट्रिक टन चावल खरीदा गया राज्य सरकार ने 107 लाख टन धान खरीदा। राज्य सरकार ने 91 लाख टन चावल खरीदा। केंद्र सरकार ने प्रदेश के किसानो के हित को देखते हुए ढाई गुना चावल खरीदी का कोटा बढ़ाया गया। चौधरी ने धान खरीदी के आंकड़ों को सार्वजनिक करते हुए बताया कि वर्ष 2021–22 में राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए धान का 97% हिस्सा केंद्र द्वारा चावल के रूप में क्रय किया गया वही 2022–23 में राज्य सरकार द्वारा खरीदे गए धान का 86% हिस्सा चावल के रूप में केंद्र सरकार द्वारा खरीदा गया। केंद्र सरकार द्वारा खरीदे गए चावल के आंकड़ों के जरिए ओपी चौधरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनौती देते हुए कहा हमारे द्वारा पेश किए गए आंकड़ों में कोई त्रुटि हो तो उन्हे सार्वजनिक बयान देकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यदि नही तो साफगोई से स्वीकार करना चाहिए कि केंद्र के मोदी सरकार के कारण ही 2021–22 में 97% धान के चावल वर्ष 2022–23 के दौरान 86% धान के चावल की खरीदी संभव हो पाई। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी सिर्फ केंद्र की मोदी सरकार के कारण ही हो पा रही है। कोरबा में कोयले के अवैध उत्खन के मामले को उठाए जाने पर एफ आई आर दर्ज कर आवाज दबाने का प्रयास किया गया। वर्ग 2023–24 के दौरान 61 लाख मेट्रिक टन चावल खरीदी जा लक्ष्यबढ़ा कर 86.5 लाख मीट्रिक टन किया गया है। इस चावल के मुकाबले प्रदेश सरकार को 131 लाख मीट्रिक टन धान खरीदना होगा। इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के किसानो से 131 लाख मेट्रिक टन धान के चावल को लेने के लिए तैयार है।

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