जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
देश भर में 77 वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर धरमजयगढ़ ब्लॉक मुख्यालय में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कोविड महामारी से उबरने के बाद सार्वजनिक तौर पर हुए इस आयोजन को देखने के लिए लोगों की भीड़ अपेक्षाकृत अधिक रही। वहीं, स्कूली बच्चों में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला। धरमजयगढ़ के क्लब ग्राउंड में हर साल की तरह इस बार भी ध्वजारोहण किया गया। इस दौरान स्कूल व महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने लयबद्ध कदमताल करते हुए परेड किया। बतौर मुख्य अतिथि जनपद पंचायत अध्यक्ष पुनीत राठिया ने मुख्यमंत्री का संदेश वाचन किया। जिसके बाद स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के दौरान एक अजीबो गरीब स्थिति उस वक्त देखने को मिली जब अतिथियों को मंच पर आसीन किया गया और नन्हे बच्चे खुले मैदान में अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे। उमस भरी गर्मी के बीच कई घंटे के इस कार्यक्रम के दौरान पूरे समय बच्चों ने जमीन पर अपने कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। वहीं, मंच अतिथियों से सुशोभित होता रहा। ऐसे में एक ओर कार्यक्रम देखने आए लोगों और बच्चों को परेशानी हुई और वे कार्यक्रम को सीधे देखने की जद्दोजहद में दिखे। इधर इस मामले को लेकर लोगों के द्वारा व्यक्तिगत व सोशल मीडिया पर भी स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए। जिसमें इस बात को लेकर नाराजगी जताई गई कि बच्चों को अपना हुनर व जज्बा दिखाने के लिए एक मंच भी उपलब्ध नहीं कराया गया। एक स्थानीय सोशल मीडिया यूजर ने इसे शर्मनाक बताया। इसके अलावा इस मामले को लेकर कई अन्य लोगों ने भी आलोचना की। उन्होंने इसे वीआईपी कल्चर बताया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वीआईपी लोग मंच पर आसीन रहे और देश का भविष्य जमीन पर सबका मनोरंजन करते रहे।