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बाकारूमा शासकीय स्कूल के प्राचार्य ने 10 मिनट लेट पहुंचे 15-20 छात्र-छात्राओं को स्कूल में प्रवेश से किया वंचित, स्कूल गेट पर लगवाया ताला, स्कूल गेट पर परेशान होते बच्चों का विडियो हुआ वायरल

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जोहार छत्तीसगढ़-बाकारूमा।

धरमजयगढ़ विकासखंड अंतर्गत आने वाले शासकीय हायर सेकेंड्री स्कूल बाकारूमा में एक अजीबों गरीब वाक्या सामने आया है। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले शाला प्रबंधन द्वारा स्कूली छात्रों के तय समय में विद्यालय नहीं पहुंचने पर शाला के प्रवेश द्वार पर ताला लगा दिया गया। विलंब से पहुंचे लगभग 15 से 20 छात्र-छात्राओं को स्कूल गेट में खड़े देखकर जब हमारे संवाददाता ने बच्चों से बात करनी चाही तो विद्यार्थियों द्वारा बताया गया की बरसात और सड़क की खस्ता हाल किसी से छिपी नहीं है। आमजन सड़क की हालत से वाकिफ है जिसके कारण बस का लेट होना आम बात है। अध्ययनरत बच्चों ने आगे कहा कि हम लोग सिर्फ 10 मिनट स्कूल टाइम से लेट हुए थे जिसके कारण गेट में ताला लगा दिया गया और स्कूल में पढ़ाई से वंचित रखा गया है। इस दौरान कुछ बच्चे प्राचार्य व शाला प्रबंधन के डर से कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से कतराने लगे और बोलने लगे की हम कुछ बोलेंगे तो बाद में स्कूल प्राचार्य की डांट फटकार सुननी पड़ेगी कहकर कुछ भी बोलने से साफ इंकार किए। स्कूली बच्चे काफ ी देर तक सड़क किनारे स्कूल गेट पर खड़े रहे जिसके बाद भी शाला प्रबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ा अगर स्कूल के सामने या फर और कही कोई छोटी बड़ी दुर्घटना हो जाती है तो इसके जिम्मेदार कौन होगा। जब हमने इस संबंध में धरमजयगढ़ विकासखंड शिक्षा अधिकारी को फोन के माध्यम से जानकारी दी तो उनके द्वारा बाकारूमा, स्कूल के प्राचार्य से बात करने की बात गाते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे का प्रयास किया गया। बहरहाल स्कूल प्राचार्य द्वारा अपनी मनमानी के नियम बनाकर मात्र 10 मिनट लेट पहुंचे लगभग 15 से 20 छात्र-छात्राओं को शाला में प्रवेश से वंचित करना उचित नहीं है विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित करना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है एक तो बरसात का मौसम ऊपर से घटिया सड़क और दुर्गम मार्ग तय कर अपना भविष्य तलाशते बच्चे, स्कूल पहुंचने में विलंब होना भी स्वाभाविक नजर आता है। खबर प्रकाशन के बाद अब यह देखना लाजमी होगा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी बच्चों के भविष्य को लेकर आगे किस प्रकार का निर्णय लेंगे।

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