जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रिया जारी है। यह सभी कार्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल हैं। जिसका उद्देश्य स्थानीय लोगों को लाभ दिलाना है। लेकिन कुछ नामचीन ठेकेदारों द्वारा स्थानीय प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए विभिन्न अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। धरमजयगढ़ तहसील क्षेत्र में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें एक नामी कंपनी के कारिंदों ने बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के अपने पत्थर खदान क्षेत्र तक पहुंचने के लिए सड़क बनाना शुरू कर दिया है। धरमजयगढ़ के सेमीपाली क्षेत्र में डीबीएल कंपनी को करीब 4 हेक्टेयर निजी भूमि क्षेत्र साधारण पत्थर उत्खनन के लिए आबंटित की गई है। स्थानीय प्रशासन स्तर पर उससे जुड़े अन्य कार्यों की स्वीकृति की प्रक्रिया लंबित है। जिसके बावजूद उस क्षेत्र में पहुंच मार्ग बनाया जा रहा है। अब तक करीब एक किलोमीटर तक सड़क निर्माण के लिए पत्थर व मिट्टी बिछाई गई है। हैरानी की बात है कि स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी व अन्य विभागीय जिम्मेदारों को इस सड़क निर्माण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में धरमजयगढ़ एसडीएम डिगेश पटेल ने कहा कि डीबीएल कंपनी को पत्थर खदान के लिए आबंटित किये जाने वाले क्षेत्र में अभी तक पेड़ों की गणना नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि सड़क या पहुंच मार्ग के लिए किसी तरह की अनुमति नहीं दी गई है। वहीं क्षेत्र के एक अन्य जिम्मेदार अधिकारी ने भी इस विषय पर अनभिज्ञता जाहिर की। यह बिलकुल अप्रत्याशित है कि स्थानीय प्रशासन को अंधेरे में रखकर डीबीएल कंपनी के खदान क्षेत्र में पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। यह स्थिति बताती है कि ऐसे बड़े ठेकेदारों की मनमानी सिस्टम पर पूरी तरह हावी है। परमिशन के नाम पर साहब से सब कुछ हो गया है-परमात्मा द्विवेदी बिना अनुमति पहुंच मार्ग बनाने के संबंध में जब डीबीएल कंपनी में लाइजनिंग का काम देख रहे कर्मचारी परमात्मा द्विवेदी से इस बारे में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि हॉ पहुंच मार्ग बनाया जा रहा है। जिसमें अभी तक कोई पेड़ नहीं काटा गया है। वहीं अधिकारी द्वारा परमिशन नहीं लिए जाने की बात कहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि साहब से बात हो गई है, सब कुछ हो गया है। अब ये जानना जरूरी है कि जिम्मेदार साहब से किस तरह की बात हो गई है? आखिर सब कुछ होने का मतलब क्या है? यह भी कि आला अधिकारी व इस कार्य से जुड़े एक जिम्मेदार की बातों में विरोधाभास क्यों है? इन सवालों के जवाब मिलने पर उसे अगली रिपोर्ट में शामिल करेंगे।