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अवैध बिजली खम्भा गाडऩे व अवैध लाईन खिंचने मामले में क्या ठेकेदार को बचाने चल रही साजिश, ए.ई. द्वारा प्रस्तुत आवेदन में ठेकेदार के साफ बच निकलने की खुशबू

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जोहार छत्तीसगढ़-पत्थलगांव।


पत्थलगांव के तीन ग्राम में पूंजीपतियों को तात्कालिक लाभ पहुंचाने विद्युत विभाग के द्वारा बिना टेण्डर किये बिना कोई आदेश के दो जगह चार-चार पोल अवैध रूप से गाडऩे तथा एक ग्राम में एक निर्माणाधीन कोल्ड स्टोर के लिये चार पोल गाड़कर बकायदा तार खिंचकर अवैध विद्युत लाईन दिये जाने केमामले का खुलासा होने के बाद जहा विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौका निरीक्षण कर अवैध पाये जाने पर विद्युत विभाग के ए.ई. पंैकरा को अवैध पोल शिफ्टिंग एवं अवैध पोल गाड़कर अवैध रूप से बिजली लाईन पहुंचाने के मामले में पुलिस थाना में एफ आई आर कराने निर्देशित किया गया जिस निर्देष पर विभाग के ए.ई आज तीन दिनों से थाना का चक्कर काट रहे है एफ आईआर कराने किन्तु अभी तक एफ आईआर नहीं हो पाया है। एफ आईआर नहीं होने के मामले में थाना प्रभारी का कहना है कि विभाग द्वारा दिया गया आवेदन स्पष्ट नहीं है और ना ही आवेदन के साथ कोई पंचनामा या जप्ती नामा नहीं है तो एफ आईआर किस आधार पर करेंगे। वही विद्युत विभाग के उक्त अधिकारी का कहना है कि हमने पत्थलगांव पुलिस को आवेदन दिया है कि विद्युत विभाग के बिना आदेश के अज्ञात व्यक्ति द्वारा दो जगह चार-चार पोल जिसमे एक जगह बिजली कनेक्शन देने हेतु तथा एक जगह निजी भूमि में पूर्व से गड़े खम्भे को हटाये जाने के उद्देश्य से चार नये पोल गाड़े गये है जिसमे गुपचुप तरीके से तार खिंचकर पुराने खम्भे को हटाए जाने का मंशा रहा होगा जिससे नियमत: विभाग की प्रक्रिया से बचने का मन:स्थिति प्रतीत होता है जो पूर्णत: अवैध है और किसी को कानो कान खबर नहीं होगी। जिससे इस शिफ्टिंग में आने वाले मोटी रकम का बन्दर बाट किया जा सके, बताया जा रहा है कि इस कार्य के लिये विद्युत विभाग में कोई आवेदन नहीं लगा है। इसी प्रकार पलीडीह ग्राम में एक निर्माणाधीन कोल्ड स्टोर के लिए बाकायदा चार पोल गाड़कर इसमें तार खिंचकर अवैध रूप से बिजली कनेक्शन चालू कर बिजली चोरी किया गया है उक्त तीनों कार्य बिना किसी जानकार और बिना ठेकेदार के नही किया जा सकता। क्योकि बिजली का खम्भा तथा तार या तो विभाग के पास मिलेगा या किसी विद्युत ठेकेदार के पास। पुलिस द्वारा पंचनामा और जप्ती नामा मांगे जाने पर कहा जा रहा है कि यदि विभाग द्वारा जप्ती किया जाता है तो उन अवैध खम्भा एवं तार को उखाडऩा होगा और यदि विद्युत विभाग उन अवैध खम्भा व तार को उखाड़ती है तो पुलिस के मौका विवेचना में मौके पर कुछ नही मिलेगा जिस कारण विभाग चाहती है कि पुलिस स्वयं मौके पर पहुचकर विभाग एवं ग्रामवासियों के समक्ष जपतिनामा बनाये जिसके लिये विभाग पूर्ण सहयोग करने को तैयार है अन्यथा केश कमजोर हो सकता जिससे अवैध कारोबारी बच सकता है।
नगर में तरह तरह के उठ रहे सवाल
अवैध खम्भा गाडऩे एवं बिजली लाईन देने के मामले में नगर में चल रहे चर्चा अनुसार कानून के जानकार लोगो का मानना है कि जब स्वयं विद्युत विभाग एफआईआर दर्ज करा रही है तब पुलिस विभाग का प्रथम कर्तब्य बनता है कि विभाग के आवेदन पर विद्युत चोरी अधिनियम की धारा 135 एवं आईपीसी की धारा 419 के तहत पुलिस को तत्काल अपराध दर्ज कर मामले की जांच विवेचना कर जपतिनामा की कार्यवाही करनी चाहिये। वही कुछ लोगों का कहना है कि किसी भी नये खम्भे में विद्युत प्रवाहित करना होता है तब कुछ समय के लिये समन्धित लाईन क्षेत्र का विद्युत सप्लाई को बंद किया जाता है जिसके लिये अधिकारी परमिट जारी करते हैं और लाईन जोडऩे के लिये विद्युत विभाग का लाईन मेन जाता है जिसका आदेश भी अधिकारी जारी करता है तो क्या कोल्ड स्टोर के लिये अवैध ही सही पर क्या लाईन काटने जोडऩे किसने परमिट जारी किया। वही पता चला है कि विद्युत विभाग के ए.ई. के द्वारा कहा गया है कि उक्त तार वाले चार खम्भे में वर्तमान में लाईन चालू नही है जिस पर लोगों का कहना है कि मानते हैं कि तीन दिनों से मामला चल रहा है तो जाहिर है बचने के लिये लाईन विच्छेद कर दिया गया होगा। किन्तु यहा यह सवाल उठता है कि जिस दिन वरिष्ठ अधिकारी मौके पर जांच करने गये थे उक्त समय लाईन चालू था या नहीं, यदि लाईन चालू नहीं था। उक्त निर्माणाधीन कोल्ड स्टोर में बिजली से सम्बंधित कार्य कहा कि बिजली से हुई है यह सब पुलिसिया जांच का विषय है। जिस प्रकार विद्युत विभाग एवं पुलिस विभाग के मध्य यह खेल चल रहा है। जिसे देख सुन लोगों में चर्चा है कि विभाग का ए.ई विधिवत कार्यवाही कराना नही चाहता होगा और पुलिस कार्रंवाही करना नहीं चाहती होगी। लोगों में तो यहा तक चर्चा चल रही है कि पुलिस विभाग के किसी अधिकारी ने यह कहा है कि न्यायालय नालिस काट कर दे दो विभाग न्यायालय की शरण में जाये इस पर क्या सच्चाई है यह तो हम नही जानते पर इस प्रकार की भी चर्चा है।

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