जोहार छत्तीसगढ़-सक्ती।
फ रवरी महीने में गरीब परिवारों पर ऐसी तबाही अपने जीवन काल में न देखा था और ना कभी देखने को मिलेगा। परंतु छत्तीसगढ़ कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार में सब संभव है।
हां यह कोई भूकंप या किसी प्राकृतिक घटना का चित्र नहीं है। बल्कि यह मेरा सक्ती नगर का उजड़ता प्रमुख व्यावसायिक बाजार है। जहां लोग रोजमर्रा वस्तुओं की खरीददारी के लिए आते थे जहां 100-50 साल से लोग अपना दुकान बनाकर जीविकोपार्जन करते थे। कुछ लोग झोपड़ी,मकान बनाकर अपने परिवार के साथ जीवन यापन करते थे, भूपेश सरकार गांव में आवास तो दे नहीं रही,उनको बेघर कर अपने जनता के ऊपर अत्याचार करना अधिकार समझकर उनका मकान तोड़ रही है। तीन महीने बीत जाने के बाद भी उन गरीबों को छत तक नसीब नहीं हो पाई दर दर घूम रहे हैं। कार्यालय के चक्कर लगा लगा कर थक गए गरीब उनकी कोई सुनने वाला नहीं।
बेघर हुए गरीब परिवार को अभी तक नसीब नहीं हुई छत
कुछ गरीब बसौड जाति परिवार सूपा,डलिया बेचकर अपना जीवनयापन कर रहे थे लेकिन अचानक बेघर हो गए। पीडि़त को 3 महीने गुजर जाने के बाद भी नसीब नहीं हुई छत पेड़ों के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। राजकुमार बसौड जो,4 बच्चे के पिता हैं एवं चांदनी बसौड दो बच्चे के साथ पेड़ के निचे रात गुजारने पर बेबश हैं। यही हाल,सूरज बसौड, जगनमोहन सिदार जो,3 बच्चे के साथ खुले स्थान पर जीवन यापन कर रहे हैं। लक्ष्मी देवी राज उम्र 65 जो 2 बच्चे के साथ खाली जगह पर रात गुजार रही है। सुदामा श्रीवास भी डलिया एवं सूपा बेचकर जीवनयापन कर रही थी। अपने जीवन के 65 वर्ष उस स्थान पर गुजारें थे आज अपने नन्हे नन्हे बच्चों को लेकर पेड़ के नीचे जीवन यापन गुजार रहे हैं दो वक्त खाने के लिए भी तरस रहे हैं उन गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने अपना दुखड़ा कई बार कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना को जाकर बताया लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी उनकी सुध लेने वाला नहीं है अब जाए तो कहा जाए।
शासन यदि भूमि अलर्ट कर देती है तो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तत्काल स्वीकृत करवा दूंगा।
सौरभ तिवारी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी सक्ती
आवेदन प्राप्त होने पर शासन के नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
मनमोहन प्रताप सिंह, तहसीलदार सक्ती