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पुलिया निर्माण में हो रहा खुलकर भ्रष्टाचार, टुकड़़े-टुकड़े छड़ को वेल्डिंग कर किया जा रहा उपयोग … विभागीय अधिकारी बन बैठा मुकदर्शक, निर्माण स्थल पर निर्माण देखने नहीं जाते अधिकारी

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखण्ड के चारों ओर की सड़क का बूरा हाल है। खरसिया से पत्थलगांव वाली सड़क निर्माण का ठेका श्री जी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया गया है। निर्माण कार्य की लेट लतीफी के कारण क्षेत्रवासियों ने कई बार चक्का जाम कर चूकें हैं। हम आपको बता दे कि इस सड़क में जितने भी पुल-पुलिया है उसका निर्माण करने का ठेका किसी अन्ना नाम के ठेकेदार को दिया गया है। ठेकेदार पुलिया निर्माण में खुलकर भ्रष्टाचार करने तुला हुआ है। दशकों पुराना धांगरनाला पुल निर्माण ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। इस पुल निर्माण में भी खुलकर गोलमाल किया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा 1-1 फीट छड़ के टुकड़े को वेल्डिंग कर पुलिया में इस्तेमाल किया जा रहा है। और स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी ठेेकेदार की भ्रष्टाचार को देखकर भी अनजान बन बैठे हैं। पुलिया में लगाये जा रहे वेल्डिंग वाली छड़ अब कितने दिन तक चलेगी ये तो भगवान ही जाने। लेकिन एक बात तो साफ है कि विभागीय अधिकारियों को इस घटिया निर्माण से कोई लेना देना नहीं है। ठेकेदार को खुलकर भ्रष्टाचार करने का ठेका लोक निर्माण विभाग द्वारा दे दिया गया है। क्योंकि इनके निर्माण कार्य को देखने के लिए न तो विभाग के कोई इंजीनियार जाते हैं और न ही कोई अधिकारी। इससे तो साफ हो जाता है कि विभाग भ्रष्टाचार करने वालों को खुली छूट दे रखा है।

इतना तो करना ही पड़ेगा नहीं तो मैंटेनेंस होगा कैसे-ठेकेदार अन्ना

इस विषय पर जब हमने पुलिया निर्माण ठेकेदार अन्ना से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि इतना तो करना ही पड़ेगा क्योंकि सब को मैंटेन करना पड़ता है। अब आप खुद सोच सकते हैं कि ठेकेदार किनको-किनको मैंटेंन कर रहे होंगे? इनके इस मैंटेन के चक्कर में क्षेत्रवासियों को घटिया निर्माण का दंश झेलना पड़ेगा।

हां हमने देखा है, ये छड़ नहीं चलेगा- इंजीनियर चौहान

जब हमारे द्वारा लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर चौहान से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि मैं पहले इस संबंध में अपने अधिकारी से बात करता हूं उसके बाद आपको बताता हूं। कुछ समय बात इंजीनियर चौहान का कॉल आया और बताया कि हां मैं निर्माण कार्य स्थल पर देखने गया था, देखा ठेकेदार द्वारा छड़ के छोटे-छोटे टुकड़े को वेल्डिग़ कर निर्माण कार्य में उपयोग करने के लिए रखा गया था, जिसे हमने पुलिया में उपयोग करने से मना कर दिया है। इंजीनियर चौहान से जब पूछा गया कि क्या इतनी छोटी-छोटी टुकड़े वाली छड़ को वेल्डिंगकर पुलिया निर्माण कार्य में उपयोग किया जा सकता है? तो उन्होंने बताया की नहीं ऐसा नहीं किया जा सकता है इसलिए तो लगाने के लिए मना कर दिया गया है।

क्या ठेकेदार नहीं लगायेंगे वेल्डिंग वाली छड़ को?

अब सवाल उठता है कि क्या ठेकेदार वेल्ंिडग वाली छड़ को सही में इस पुलिया निर्माण मेें उपयोग नहीं करेंगा? क्योंकि इनके निर्माण कार्य स्थल पर लोक निर्माण विभाग के कोई भी अधिकारी-कर्मचारी देखने तक नहीं जाते हैं। तो क्या ठेकेदार इनके बात को मानकर वेल्डिंग वाली छड़ को रिजेक्ट कर देगा ऐसा तो नहीं लगता है। क्योंकि ठेकेदार द्वारा दिन ही नहीं रात में भी पुलिया निर्माण कार्य किया जा रहा है। जब निर्माण कार्य देखने दिन में कोई अधिकारी नहीं जाते हैं तो फिर रात में कौन देखने जायेगा वेल्डिंग वाली छाड़ का उपयोग हो रहा है या नहीं? वैसे भी ठेकेदार बोल रहा है कि इतना तो करना ही पड़ेगा मैंटेनेंस के लिए।

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