जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
नगर पंचायत धरमजयगढ़ क्षेत्र में शासन के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। विस्थापन के नाम पर मिले दुकानों की बिक्री तेज गति से चल रहा है। बता दें कि बस स्टैंड में ठेला लगाने वालों को विस्थापन करने नगर पंचायत द्वारा बाजार में कांप्लेक्स का निर्माण किया गया है। जिसमें लगभग 60 दुकान हैं। ठेला वालों से दुकान की लागत राशि ली गई है। इन दुकानों को बने लगभग दस वर्ष हो गए। जिसे अभी अभी आबंटित किया गया है। लेकिन दुकान अपने नाम होते ही दुकानों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। या यूं कहें ज्यादातर दुकान गुपचुप तरीके से बिक चुके हैं। यह दुकान व्यवसाय करने के लिए विस्थापन में मिला है। जिसे बिक्री करना नियम के परे है। लेकिन सभी नियमों को ताक पर रखकर बिक्री हो रही है। वहीं खरीददार लोग दुकानों में मरम्मत कार्य भी शुरू कर दिए हैं। अब देखना है कि इस नियम विरुद्ध हो रहे खरीद बिक्री पर शासन कोई संज्ञान लेती है या दूसरे मामलों जैसे सबकुछ निपट जाएगा।
क्या कहते नगर पंचायत अधिकारी
दुकान की अवैध तरीके से हो रही बिक्री के संबंध में सीएमओ रामायण पांडये से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विस्थापन के नाम पर दी गई दुकान कोई बेच नहीं सकता। यदि कोई बेचता है तो वह नियम विरुद्ध है। ऐसे करते पाया गया तो आबंटन निरस्त किया जाएगा।