जोहार छत्तीसगढ़-कुसमी।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। बाबा साहब ने अपना सारा जीवन भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष में बिता दिया उन्होंने भारतीय समाज में समानता लाने के लिए कई प्रयास किए दलितों पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों को उन्होंने समर्थन किया। आज डॉक्टर अंबेडकर के इस जयंती पर ब्लॉक कांग्रेस केमटी कुसमी के अध्यक्ष हरिश मिश्रा ने कहा कि धर्म वर्ग जाति भेद से परे संविधान में समानता का अधिकार हर किसी के लिए उपलब्ध कराने का श्रेय डॉ. अंबेडकर को जाता है। परंतु वर्तमान में भारतीय संविधान संकट में है। जहां अभिव्यक्ति की आजादी पर भी सरकार पाबंदी लगाने की दिशा में आगे बढ़ रही है देश के संसद में प्रजातंत्र के तरीके से चुने गए सांसदों को बोलने नहीं दिया जाता है संविधान के संरक्षण की समूची जिम्मेदारी कानूनविदों की है। हमारे देश में संविधान का ही राज चलता है। डॉक्टर अंबेडकर ने जो राह हम सबको दिखाई है। उस पर ही हमें बढऩा है। और समानता भाईचारे और सौहाद्र्र को हमेशा बनाए रखना है। हमारा संविधान हमें अधिकारों के माध्यम से ही शक्ति और संरक्षण प्रदान करता ेहै। भारत रत्न डॉक्टर अंबेडकर स्वतंत्रता समानता और भाईचारा पर विश्वास करते थे। वर्तमान परिस्थितियों में संविधान की व्याख्या लोग अपने अपने तरीके से कर रहे हैं परंतु हमारे भारतीय संविधान ने जो समानता स्वतंत्रता हमें प्रदान की है उसके बूते हमें अनेकता में एकता बनाए रखनी है जो हमारे संविधान निर्माताओं और डॉक्टर अंबेडकर की मूल मंशा थी। हमें डॉक्टर अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलकर भारत के नव निर्माण की संकल्प लेनी है।