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वन्यप्राणियों की सुरक्षा एवं अवैध शिकार को रोकने धरमजयगढ़ वनमंडल चला रहा संवेदना अभियान

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।

धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत वन्यप्राणियों की सुरक्षा एवं अवैध शिकार को रोकने के संबंध में व्यापक स्तर पर संवेदना अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। संवेदना अभियान का मुख्य उद्देश्य वनमंडल स्तर पर वन्यप्राणियों एवं अवैध शिकार की रोकथाम हेतु मुख्य रूप से अवैध विद्युत कनेक्शन से वन क्षेत्रों में शिकार के उद्देश्य से हो रही वन्यप्राणियों, व्यक्तियों और पालतू पशुओं की असमय मृत्यु की रोकथाम करना है।
संवेदना अभियान के अंतर्गत स्थानीय ग्रामीणों को वन एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा के बारे में अवगत कराना है। अवैध तरीके से जंगल में शिकार के उद्देश्य से बिछाए जाने वाले जीआई तार से होने वाले वन्यप्राणियों के नुकसान, स्थानीय ग्रामीणों की जन हानि और पशुधन के नुकसान के संबंध में अवगत कराना है। संवेदना अभियान के अंतर्गत ग्रामीणा को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत वन अपराध, सजा के प्रावधानों आदि से अवगत कराना है और अपराध घटित होने से पूर्व ग्रामीणों को इसकी गंभीरता के बारे में अवगत कराना है। वन्यप्राणियों की सुरक्षा एक नैतिक और साझा जिम्मेदारी है। संवेदना अभियान के अंतर्गत पुलिस विभाग, बिजली विभाग और राजस्व विभाग आदि से पत्राचार कर आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान करने एवं अवैध विद्युत कनेक्शन से होने वाली घटनाओं की रोकथाम करना है।
संवेदना अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिवधियां संचालित की जाएगी। जिनमें वन क्षेत्रों में अवैध रूप से शिकार के उद्देश्य से अवैध विद्युत तार फैलाने वालों की पहचान करना, उनको समझाईश देना और समय पूर्व उनको अपराध करने से रोकना है। इसी तरह ग्राम स्तर पर चौपाल लगाकर स्थानीय ग्रामीणों को अवैध विद्युत तार से होने वाले नुकसानी के बारे में चर्चा करना और ग्रामीणों को वन्यप्राणी सुरक्षा शपथ दिलाना। संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करना और उन वन क्षेत्रों में नियमित गश्त करना, एंटी स्नेयर वॉक कर अवैध विद्युत तार कनेक्शन, मानक ऊंचाई से कम के बिजली कनेक्शन को बिजली विभाग के सहयोग से सुधार करना। हाथी उपस्थिति के नजदीकी गांवों में प्रचार-प्रसार कर ग्रामीणों को शिकार न करने हेतु मुनादी करवाना और स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस के सहयोग से अवैध शिकार करने वालों की पहचान करना और सममझाईश देना। वन्यप्राणियों का शिकार करने वालों की सूचना देने वाले तथा सही सूचना पर अपराधी पकड़े जाने की स्थिति में सूचना देने वाले का नाम और पहचान गुप्त रख कर पारितोषिक वितरण करना। वनक्षेत्रों के आस-पास के विद्यालयों में जाकर वन विभाग द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं को वन्यप्राणियों के विषय पर जागरूक करना और वन्यप्राणी सुरक्षा शपथ दिलाना। वाइल्ड लाईफ हेल्प लाइन नम्बर का प्रचार-प्रसार करना। पॉम्प्लेट, दीवाल लेखन, चलचित्र, मुनादी, जागरूकता रैली, सोशल मीडिया, जन प्रतिनिधियों, एनजीओए स्थानीय मीडिया, सजग ग्रामीणों और अन्य विभागों के सहयोग से अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करना और वन्यप्राणियों की सुरक्षा में सहयोग प्राप्त करना है।

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