जोहार छत्तीसगढ़-पेन्ड्रा।
वीडियो से स्पष्ट है कि हेमंत कश्यप एडीईओ द्वारा तहसीलदार सकोला सोनू अग्रवाल से अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया गया है। कश्यप द्वारा तहसीलदार से उसके नेमप्लेट लगे होने की बात कही जा रही है। इसमें भी वो थमे नहीं और कौन मेरा ड्यूटी लगाया उसे बुलाओ जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति अभद्र शब्दो का प्रयोग किया जा रहा है। और इसके बाद भी जब तहसीलदार द्वारा मौके पर भीड़ लगने पर कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की हैसियत से कानून व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से चौकी प्रभारी को बुला उन्हें अलग ले जाने की बात कही तो कृषि अधिकारी द्वारा अपनी आप को सही साबित करने के लिए ये तथ्य फैलाया जा रहा है कि तहसीलदार ने उन्हें अरेस्ट करवा दिया। तहसीलदार अपने क्षेत्र का मजिस्ट्रेट होता है ऐसे में उनके द्वारा परिस्थियों में लोक न्यूसेंस न हो इसके लिये कई बार ऐसे निर्णय लेने पड़ते है। ऐसी स्थिति में कर्मचारी संगठनों को किसी के व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होने पर तटस्थ रहना चाहिए और मामले को तूल न देते हुए गलत परिपाटी निर्मित करने से बचना चाहिए।।