जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
रायगढ़ जिले को पर्यटन क्षेत्र में जोडऩे के बाद जिले में कई स्थानों को पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग में सदस्य प्रोफेसर डी एस मालिया ने बताया कि पूर्व में रायगढ़ जिले को पर्यटन विभाग में नहीं जोड़ा गया था। यह जिला केवल पुरातत्व विभाग में जुड़ा था। जिससे जिले में स्थित पर्यटन क्षेत्रों का विकास नहीं हो रहा था। अब जब जिला को पर्यटन क्षेत्र में जोड़ दिये जाने से जिला में कई पर्यटन क्षेत्रों का विकास संभव हो गया है। इसी कड़ी में मालिया ने बताया कि संभागीय पर्यटन अधिकारी प्रमील वर्मा का धरमजयगढ़ क्षेत्र में दौरा होगा। अपने दौरा कार्यक्रम में सर्वप्रथम अम्बेटिकरा मंदिर जायेंगे। जो कि इस क्षेत्र का प्रसिद्ध देवी मंदिर है। यह स्थल धार्मिक दृष्टि से प्रसिद्ध है साथ ही साथ इसे पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की अपार संभावनाएं है। धरमजयगढ़ में धार्मिक स्थल के साथ ही पुरातात्विक एवं प्राकृतिक महत्व के बहुत से स्थल है जहां का पर्यटन विकास हेतु कार्ययोजना तैयार किया गया है। अब वो दिन दूर नहीं जब पर्यटन के क्षेत्र में धरमजयगढ़ का प्रदेश सहित देश में अलग पहचान होगा। मंदिर के पास से ही मांड नदी प्रवाहित होती है जिसमें गर्मी में भी भरपूर पानी रहता है जहां वोटिंग के लिए प्रस्तावित है। इन मंदिरों का संचालन शासकीय मंदिर समिति द्वारा किया जाता है जिसके पदेन अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी राजस्व होते हैं और सचिव का चुनाव पांच सालों के लिए किया जाता है। इस समिति के अंतर्गत राम मंदिर एवं शिव मंदिर धरमजयगढ़ भी है। अंम्बेटिकरा मंदिर के पास विकास की अपार संभावनाएं हैं जिसे पर्यटन एवं स्थानीय प्रशासन मिल कर पूरा कर सकते हैं।