जोहार छत्तीसगढ़.धरमजयगढ़। एक सभ्य समाज के सृजन में शिक्षक का कर्तव्य व उसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। वहीं अपने पेशे के विपरीत शिक्षक का एक भी कृत्य ऐसी रचना जो वर्षों की मेहनत से बनायी गई हो की मर्यादा और प्रतिष्ठा को पल भर में ध्वस्त कर देती है। किसी भी संस्था प्रमुख के द्वारा अपने मातहत पर दबंगई व साम्प्रदायिक मामले में फंसा देने का आरोप लगाया जाना उस संस्था के सामान्य व तय क्रियाकलापों की बुनियाद हिला देने के लिए काफी होता है। मामला जब शैक्षणिक संस्थानों से जुड़ा हो तब इसकी गंभीरता और दूरगामी दुष्प्रभाव की संभावना अधिक बढ़ जाती है। ऐसा ही एक मामला धरमजयगढ़ के डाइट में सामने आया है। धरमजयगढ़ स्थित जिले के एकमात्र प्रतिष्ठित संस्थान डाइट में प्रतिनियुक्ति व्याख्याता आरिफ सिद्दीकी को मूल पद पर वापसी को लेकर शुरू हुए विवाद ने ऐसा तूल पकड़ा कि मामला थाने तक पहुंच गया। धरमजयगढ़ के डाइट प्राचार्य ने उक्त व्यख्याता के द्वारा विधायकए मंत्री के नाम का धौंस दिखाकर धमकी देने व सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इतना ही नहीं प्राचार्य के द्वारा व्यख्याता पर सरकारी आदेश का उल्लंघन करने और जबरन कार्यालय में आकर दबंगई करने की बात की लिखित शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है। प्राचार्य ने अपनी शिकायत में कहा है कि एक व्याख्यता की डाइट में प्रतिनियुक्ति अवधि 2019 में समाप्त होने के कारण एससीईआरटी संचालनालय के आदेश के अनुपालन में उन्हें अपने मूल संस्था कूमा के लिए कार्यमुक्त किया गया। जिसके बाद व्याख्याता के द्वारा शासकीय आदेश को लेने से इंकार करते हुए पूरे स्टाफ को कलेक्टरए एसपीए विधायक व मंत्री का धौंस दिया गया। शिकायत में कहा गया है कि इसके अलावा व्याख्याता के द्वारा साम्प्रदायिक भेदभाव के मामले में फंसा देने की धमकी भी दी गयी। शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि व्याख्याता को कार्यमुक्त किए जाने के बाद भी जबरन संस्था में आकर शैक्षणिक व अन्य कार्य किया जा रहा है और समझाने पर विवाद किया जाता है। इस तरह व्याख्याता के द्वारा अधिकारी के आदेश की अवहेलना व शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। डाइट प्राचार्य ने संस्था में व्याख्याता के अनाधिकृत प्रवेश पर तत्काल रोक लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में शिकायत फिलहाल धूल फांक रही है। मामला सरकारी कारिंदों से जुड़ा है। इसलिए सरकारी तरीके से कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। सामान्य लोगों के ऐसे मामले में पुलिसिया जांच की दशा और दिशा के बारे में ज्यादा प्रकाश डालने की आवश्यकता नहीं है। इस मामले पर धरमजयगढ़ डाइट प्रिंसीपल से संपर्क का प्रयास असफल रहा। संस्था के स्टॉफ ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि इस विवाद के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि संबंधित व्यख्याता अब भी कार्यालय आ रहे हैं और खुद के अलग रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं। बहरहाल देखना होगा कि निकट भविष्य में इस मामले में और क्या मोड़ आता है।