जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों का आंतक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाथियों के आंतक से ग्रामीणों का जीना दुभर हो गया है। हर दिन हाथी द्वारा नुकसान करने की खबर सामने आ रही है। वन विभाग द्वारा हाथी नुकसानी का मुआवाजा तो दिया जाता है। पर मुआवाजा के नाम पर किसानों के साथ वन विभाग मजाक करते हैं। मुआवाजा ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावात को सच साबित करता है। क्योंकि विभाग द्वारा मुआवाजा बहुत कम दिया जाता है। जिसके कारण कई किसान हाथी नुकसान करने के बाद भी मुआवाजा नहीं लेते हैं। स्कूलों में बच्चों के मध्यान्ह भोजन पकाने के लिए हर स्कूल में किचन शेड का निर्माण किया गया है। ताकि सही समय पर बच्चों को मध्यान्ह भोजन मिल सके। तेजपुर प्राथमिक शाला का किचन शेड को तोड़ कर तहस नहस कर दिया है। हाथी द्वारा किचन शेड तोड़ देने से स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन मिलने में परेशानी होगी। ग्रामीणों में हाथी का डर हमेशा बना रहता है। कब हाथी किस पर हमला कर दे यह सोचकर ग्रामीण जीने को मजबूर हो रहे हैं। और वन विभाग हाथ पे हाथ धरे बैंठे हैं।