जोहार छत्तीसगढ़- धरमजयगढ़।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में विगत कई सालों से हाथियों ने अपना ढेरा जमा रखे हैं। आये दिन हाथियों द्वारा क्षेत्र में नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अब तक हाथी से सैकड़ों लोगों की जान जा चूका है तो वहीं सैकड़ों हाथी का भी जान अब तक लोगों ने ले चूका है। इसके बाद भी वन विभाग इसका कोई उपाय नहीं खोज पाये हैं। सिर्फ हाथी मित्र दल के साहरे ही वन विभाग हाथी भगा रहे हैं। अब तो दिन दहाड़े हाथी गांव में घूस रहे हैं। धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्य सैकड़ों में है, जो कही न कही किसानों के फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वर्तमान में हाथी कई गांव के आसपास विचरण कर रहे हैं। गांव के आस पास हाथी विचरण करने से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। ऐसा लगता है ओंगना को हाथी अपना स्थाई विचरण क्षेत्र बना लिया है। आज भी 2 हाथी इस जंगन में विचरण करने की जानकारी मिली है। तो वहीं रात में 2 हाथी रूपूंगा में तो 2 हाथी सरियानाला के पास विचरण करते देखा गया है। आपको बता दे कि आज सुबह 4 बजे 3 हाथी का एक दल रूपूंगा की ओर से आते हुए दुर्गापुर कालोनी अंदर आ गये थे अच्छा हुआ कि किसी प्रकार की कोई अनहोनी नहीं हुआ है और हाथी मित्रदल ने हाथी को दुर्गापुर कॉलोनी से निकाल कर पास के ही कुलीपतरा नामक जंगल में खदेड़ दिया है। इस जंगल में हाथी होने से हाथीगाड़ा, बायसी के लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। सबसे मजेदार बात है कि वन विभाग हाथी समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं कर पा रहे हैं। स्थाई समाधान नहीं कर पाने के कारण हाथी और इंसान दोनों का जान का खतरा हमेशा बना रहता है।