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नितिन दुबे की कलाकारी की क्षेत्र में संघर्ष का सफर कैसे रहा… आइए जानते है

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नितिन दुबे छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। इनकी बीएससी ग्रेजुएशन की पढ़ाई गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से पूरी हुई है। बता दें कलाकारी की शुरुआत 7 वर्ष की उम्र में पहली बार स्कूल के सांस्कृतिक मंच से संगीत प्रतियोगिता में भाग लेकर शुरू की, और बहुत से प्रतियोगिताओं और  विभिन्न सांस्कृतिक मंचो में साथ ही साथ ऑर्केस्ट्रा में भी गाने लगे  छत्तीसगढ़ी एल्बम गीत संगीत की शुरुआत 2001 तैं दीवानी मैं दीवाना, एल्बम से की जिसमे पहला गीत “मनमोहिनी हे गांव के गोरिया” गाया । जब इन्होंने गायन की शुरुआत किया नितिन दुबे को कभी नही लगा कि मेरे गीतों को एक दिन बच्चा-बच्चा पसंद करने लगेगा ।स्टेज में 1988 से और प्ले बैक सिंगिंग 2001 से कर रहे है । मनमोहिनी हे गाँव के गोरिया एलबम तैं दीवानी मैं दीवाना का गीत नितिन दुबे का पहला गीत है। नितिन दुबे जी ने छत्तीसगढ़ की जनता को अपील किए है कि अच्छा गीत संगीत सुनें फुहड़ गीतों या दोअर्थी गीतों से छत्तीसगढ़ की संगीत को बर्बाद होने से बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। फूहड़ गीतों से हमारे छत्तीसगढ़ की संगीत ही बल्कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। साथ ही साथ हमेशा जनता जनार्दनो का प्यार मुझे मिलता रहे और अपना आशीर्वाद सदा बनाएं रहे।

*नितिन दुबे ने छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री को लेकर लगातार कार्य कर रहे वेदप्रकाश महंत को लेकर कही यह बात

हमारे छत्तीसगढ़ म्यूजिक और फ़िल्म इंडस्ट्री में कार्य करने वाले हर कलाकार की ये को अपडेट मिलती रहे और साथ इच्छा होती है कि उसके नए नए आनेवाले प्रोजेक्ट के बारे जनता आर्टिकल और उनके कवरेज से न सिर्फ छत्तीसगढ़ की कला और ही साथ उनके उपलब्धि के बारे में भी लोगों को पता चले, इस दिशा में वेदप्रकाश महंत जी का कदम सराहनीय है उनके द्वारा लिखे गए संस्कृति को फलने फूलने में को अपने सुपरस्टार के बारे में पूरी सहयोग मिल रहा है बल्कि लोगों जानकारी मिल रही है जिससे कई लोगों को कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल रही है।

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