शंकर मिश्रा
जोहार छत्तीसगढ़-सुकमा।
जिले के गादीरास तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत मनकापाल के गांव नागलगुड़ा में ग्रामीणों ने बिजली तार से जुगाड़ का पुल का निर्माण किया गया है। इस पुल से बारिश के दिनों में ग्रामीणों को आने जाने की सुविधा ही रही हैं, ग्रामीणों ने बताया कि इस पल का निर्णय करीब 10 वर्ष पुल निर्माण किया गया है, क्योंकि नदी के दूसरे और खेत व बाजार होने के कारण से बारिश के दिनों में नदी पर कर जाने में दिक्कत होती थी। जिसके कारण से सभी ग्रामीणों ने मिलकर यहां पर बिजली तार के मदद से पुल का निर्माण किया गया है। सुकमा जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी की दूरी पर स्थित नागलगुड़ा गांव के पास देखने को मिलती हैं यहां मलगेर नदी पर पुल नहीं हैं, ग्रामीण परेशान थे और यह राह देख रहे थे कि शासन पुल बनाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मलगेर नदी के तट पर नागलगुड़ा गांव बसा हुआ हैं। यहां के कुछ ग्रामीणों के खेत नदी के उस पार हैं पुल नहीं होने के चलते खेती किसानी प्रभावित होती हैं साथ ही नदी के उस पार दो पंचायत के करीब आधा दर्जन गांव हैं जहां पर नागलगुड़ा गांव के ग्रामीणों के रिस्तेदार रहते हैं लेकिन वो इस पार नहीं आ पाते थे। पुल नहीं होने के चलते नदी के उस पार के ग्रामीण रोजमर्रा के सामान लेने हेतु नागलगुड़ा के पास स्थित मारुकी में लगने वाले सफ्ताहिक बाजार नहीं आ पाते थे। आखिरकार ग्रामीणों ने खुद ही अपनी समस्या का समाधान करने का सोचा और आवश्यकता ही अविष्कार की जननी कहावत को चरितार्थ करते हुए लकड़ी व तार के सहारे नदी पर जुगाड़ का पुल तैयार कर लिया हैं जिसका उपयोग करके ग्रामीण नदी पार करके अपने रिस्तेदार से मिलते हैं। सफ्ताहिक बाजार से रोजमर्रा के सामान की खरीदी भी करते हैं। और साथ ही खेती किसानी भी उनकी आसानी हो जा रही हैं लेकिन सवाल यह हैं कि आखिरकार शासन-प्रशासन इनकी समस्या नजर क्यों नहीं आयी। जुगाड़ का पुल ग्रामीणों ने बना तो लिया हैं। लेकिन यह खतरनाक हैं पुल पर चलने के दौरान हिलता हैं बच्चों के साथ पार करना खतरनाक हैं।
पुल पार करने के दौरान हादसे में एक ग्रामीण की पूर्व में हुई थी मौत
ग्रामीणों ने बताया कि चार-पांच वर्ष पहले इस बिजली तार के पुल से एक ग्रामीण की गिरने की वजह से मौत हो गई वहीं बारिश के दौरान नदी उफ ान पर था इस दौरान जिला में नदी के इस पार से दूसरी ओर जा रहा था। इस दौरान यह हादसा हुआ, ग्रामीण की गिरने के बाद नदी के तेज धार में डूब गया। जिसकी वजह से ग्रामीण की मौत हो गई। वहीं पूल काफ ी साल पुराना हो चुका है जिसकी वजह से इसमें लगी लकडिय़ों में भी खराब हो चुकी है। लेकिन समय-समय पर इसका मरम्मत ग्रामीण करते रहते हैं। लेकिन पुल पार करने के दौरान पुल काफ ी हिलता है। जिसकी वजह से इसमें छोटे बच्चों को पार कराने में काफी मुश्किल काम है।
इस पुल से होती है दूरी कम इसलिए करते है उपयोग
ग्रामीणों ने बताया कि अगर इस पुल का उपयोग करते हैं तो हम लोगों को 40 से 50 किमी का सफ र करने पैदल चलकर तहसील मुख्यालय होते हुए जाना पड़ता हैं तो काफ ी समय लगता है अगर इस पुल के सहारे हम जाते हैं तो घंटों का सफ र है वह चंद मिनटों में हो जाता है जिसकी वजह से हम लोग इस पुल से जाते हैं। इस क्षेत्र के आधा दर्जन गांव ग्राम पंचायतों के लिए राहत देता है।