हेमंत बंजारे
जोहार छत्तीसगढ़-पंडरिया।
जंगल और पर्यावरण को बचाने के लिए केंद्र और राज्य दोनों ही शासन की ओर से बातें तो बहुत की जाती है। पर इन नाकाफी कोशिशों की जमीनी हकीकत कुछ और है। यहां तक कि वन सुरक्षा समिति और बीट गार्ड भी अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं। इससे जंगल में अब केवल ठूंठ नजर आ रहे हैं। वन विभाग की निष्क्रियता का आलम यह है कि जंगल की निगरानी के लिए वन विभाग की ओर से तैनात किए गए रेंजर और बीट गार्ड को भी मामले की जानकारी होने पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। घने जंगलों के भीतर अवैध कटाई का सिलसिला पहले से ही जारी है। एक तरफ वनों को संरक्षित करने के लिए पौधे लगाने की पहल की जा रही है। वहीं दूसरी ओर जंगल के पेड़ों को काटा जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दमगढ़ बिट कक्ष क्रमांक 47 में सागौन प्लाट है जहां अवैध कटाई के चलते पूरे ठूठ में तब्दील हो गई है पर भी जिमेदार कोई ठोस गदम नहीं उठा रहे हैं तस्करों के द्वारा बड़े पैमाने पर बेशकीमती पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करते हुए लकड़ी की तस्करी की जा रही है। साथ ही वन भूमि पर बेसकीमती पेड़ों की कटाई कर कब्जे का खेल भी जारी है। तो वहीं वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मूक दर्शक बने हुए हैं। वन विभाग के द्वारा प्रत्येक वर्ष वनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए योजना बनाई जाती है। लेकिन ये सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गई है। वंही घने पेड़ो की कटाई से वन्य प्राणियों के जीवन पर भी संकट उत्पन्न हो गया है।
दमगढ़ कुई बीट में आए दिन इमारती वृक्षों की कटाई होती है
पंडरिया वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले दमगढ़ वएकुई बीट में लगे शाल सागौन जैसे पेड़ों की अवैध कटाई जारी हैं। जिन पेड़ों की कटाई की जा रही है, वे बढ़ते हुए पेड़ हैं, यहां बड़े बड़े सिल्प्ट बल्ली का भी तस्कर की जाती है पर भी वन विभाग जानबूझकर इससे अनजान बना हुआ है। वही स्थानीय कुछ वन प्रेमियों ने बताया कि अगर पेड़ों की कटाई की जानकारी हमारे द्वारा स्थानीय बीट गार्ड,डिप्टी या रेंजर को दी जाती है फि र भी कोई प्रकार का कार्यवाही नही करते जो समझ से परे है।
एक ही बिड गार्ड को दो जगह का प्रभार
दमगढ़ बिट और कुई बीट एक ही बिड गार्ड देख रेख कर रहे हंै। जिसके चलते हो सकता है देख रेख करने में दिकते आ रहा होगा जिसके चलते अवैध कटाई पर अंकुश नहीं लग पा रही है।
उडऩदस्ता टीम आखिर इनके ऊपर क्यों हैं महेरबान
डीविजन से तीन से चार महीने में उडऩदस्ता टीम हर बिट में जाते हैं जांच करने पर भी जिम्मेदार कर्मचारियों के ऊपर क्यों नहीं करते कार्यवाही कुछ चुनिंदा लोगों के ऊपर कार्यवाही कर वाहवाही लूटने में लगे रहते हैं। इससे सक के घेरे में है उडऩदस्ता टीम अब देखने वाली बात है क्या एक्शन लेते है इनके ऊपर उच्च अधिकारी।