जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
वनांचल क्षेत्रों में वन संपदा आय का बहुत बड़ा साधन होता है। महुआ, चार,चिरोंजी, गोंद, तेंदूपत्ता से ग्रामीण अच्छा खासा लाभ अर्जित करते हैं। धरमजयगढ़ वन मण्डल क्षेत्र में भी तेंदूपत्ता बहुत ज्यादा मात्रा में होती है। जिसे बेचकर ग्रामीण बहुत ज्यादा लाभ कमाते हैं। लेकिन इस बार ठेकेदारों के मनमानी से कई फ ड़ो में खरीदी बंद कर दी गई है। जिससे ग्रामीण नाराज हैं। वहीं इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से कर रहे हैं। कई समितियों में तो मात्र तीन दिन खरीदी किया गया है। जिससे लक्ष्य का आधा भी खरीदी नहीं हो सका है। बता दें कि तेंदूपत्ता संग्रहण के समय कई गांवों में तो शादी विवाह या अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं करते हैं। ताकि ज्यादा से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्रहण कर सकें। वर्तमान सरकार द्वारा तेंदूपत्ता के लिए प्रति मानक बोरा 4 हजार रुपये निर्धारित की गई है। वहीं बाद में शासन द्वारा बोनस भी दिया जाता है। जिससे ग्रामीण कड़ी मेहनत कर ज्यादा से ज्यादा तेंदूपत्ता संग्रहण करने की कोशिश करते हैं। लेकिन ठेकेदारों की मनमानी के कारण फ ड़ बंद कर दिया गया है। जिससे संग्राहक परिवार नाराज हैं।
इस मामले में वन विभाग के अधिकारी का कहना
तेंदूपत्ता खरीदी बन्द होने के बारे में वन विभाग धरमजयगढ़ के अधिकारी सीपी शर्मा से बात की गई तो उनका कहना है कि कई समिति में खरीदी बन्द होने की जानकारी मिली है। जिस पर ठेकेदारों से बात की गई तो उनके द्वारा संग्रहण केंद्र में खराब पत्ता आने की बात कही जा रही है। जिस पर कल संग्रहण केंद्र में निरीक्षण किया जाएगा।