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इक्कीसवीं सदी में भी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहे ग्राम पंचायत लिप्ती के ग्रामीण

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
रायगढ़ जिले के विकास खण्ड धरमजयगढ़ के सुदूर आदिवासी वनांचल में बसे ग्राम पंचायत लिप्ती के ग्रामीण इन दिनों मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। आइए आपको हम ले चलते हैं, ग्राम पंचायत लिप्ती ग्रामीणों के पास जिन्हें आज भी बिजली, सडक़, पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। लिप्ती नामक गांव धरमजयगढ़ ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 45 किलो मीटर दूरी पर है। जहां के ग्रामीणों को इक्कीसवीं सदी के डिजिटल युग में भी मूलभूत सुविधा मुनासीब नहीं हो रही है। ग्राम पंचायत लिप्ती के लोगों को पीने की स्वच्छ पानी का लाले पड़ा हुआ है। जैसै-तैसे किसी तरह सुविधाओं के आभाव में जीने के मोहताज हैं। ग्राम पंचायत लिप्ती के अधिकांश घरों में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत बनने वाले शौचालय का नामों निशान नही है जिसे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रत्येक घरों में बनाई जाने वाली शौचालय बना ही नहीं है। और भारी भरकम राशि को गड़बड़ घोटाला कर व्यापक मात्रा में गड़बड़ी की गई है। जिसके कारण ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। जिसके कारण कई गंभीर बीमारियों के होने की आशंकाएं बनी रहती है। वहीं गांव में पीने की स्वच्छ पानी के अभाव में ग्रामीण खेत के ढ़ोढी नुमा कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीण खेत का गंदा पानी पीकर प्यास बुझाने को मजबूर है। जबकी गांव में हैण्ड पम्प है, पर गांव के हैण्ड पम्प में पीने लायक साफ पानी नहीं निकलता है। गौरलतलब हो कि लिप्ती गांव के ग्रामीणों कि दुर्भाग्य है। कि वे अच्छी और साफ सुथरी सडक़ ग्रमीणों को नासिब नहीं हो रहा है। जिसके कारण ग्रामीण बरसात के दिनों कीचड़ से सने गटर जैसी सडक़ों पर चलने को मजबूर हो जाते हैं। सरपंच-सचिव की लापरवाही कहें या शासन-प्रशासन की अनदेखी का शिकार हो रहे लिप्ती के ग्रामीण। गांव के जरूरत मंद दर्जनों बुजुर्गों के लिए शासन की पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। जिसके कारण उन्हें जीवन यापन करने में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ।

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