जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
आदिवासी बहुल्य विकासखण्ड धरमजयगढ़ को हमेश अधिकारी-कर्मचारी दोहन करते आ रहे हैं। यहां भ्रष्टाचार करने वालों का हमेशा बोलबाला रहता है। जिसका नतीजा है कि हर काम में ये लोग खुलकर भ्रष्टाचार करते हैं। धरमजयगढ़ जनपद पंचायत में 118 ग्राम पंचायत आते हंै और हर पंचायत में खुलकर भ्रष्टाचार हो रहा है। इन भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने वाला कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं है? इन भ्रष्टाचारियों की शिकायत करने पर भी इनपर कोई कार्यवाही नहीं होता है। उल्टा शिकायतकर्ता ही अधिकारी-कर्मचारियों के पास आ-आकर थक जाते हैं। आज हम बात करते हैं ग्राम पंचायत चाल्हा की इस पंचायत में पदस्थ ग्राम पंचायत सचिव चंदराम टण्डन और सरपंच ने मिलकर पंचायत में खुलकर भ्रष्टाचार कर रहा है। भारत सरकार का स्वच्छ भारत मिशन योजना तो इस पंचायत में पूरी तरह दम तोड़ चूका है। पंचायत का निर्माण कार्य भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा दिया है सरपंच-सचिव ने, जिसका नतीजा है कि अधिकत्तर घरों में बनाये गये शौचालय उपयोग करने योग्य नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव द्वारा बनाये गये शौचालय इतनी घटिया बनाया गया है कि एक दिन भी शौचालय का उपयोग नहीं किया जा सका है। अधिकत्तर शौचालय टूटफूट चूका है। बात सिर्फ शौचालय का ही नहीं है इस पंचायत में जितने भी निर्माण कार्य हुआ है और हो रहा है उसमें खुलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ग्राम पंचायत सचिव द्वारा फर्जी बिल लगाकर शासकीय राशि का खुलकर हेराफेरी किया गया है। पंचायत सचिव चंदराम टंडन से सूचना के अधिकर तहत जानकारी मांगने पर भ्रष्टाचार की पोल न खुल जाये इसलिए जानकारी भी नहीं दिया गया है।