जोहार छत्तीसगढ़-कवर्धा।
जिले के बोड़ला विकासखंड का तहसील कार्यालय मात्र काम काज के नाम पर सिर्फ दिखावा बन के रह गया है। यहां आप तहसील कार्यालय के बाबू लोगों को कार्य कराने आये व्यक्तियों को गुमराह करते और यहां के अधिकारियों द्वारा गलती न मानते हुए आवेदक और उनके परिजनों से बहस करते हुए बखूबी देख सकते हैं। पहले तहसील के बाबू द्वारा आवेदक की ओर से पूछने आये परिजन से कहा जाता है कि आप 4 तारीख को आना तब काम होगा सबको खड़े होना होगा तभी फैसला होगा और जब दोबारा तहसील कार्यालय पहुंचते हैं तब आवेदक को यह कहा जाता है कि सभी को पेश होने की जरूरत नहीं है। सिर्फ आदेश बस करना बाकि है। एक ही आदेश के लिए काम में व्यस्त होने के नाम पर 1 महीना से लगातार आवेदक को घुमाया जा रहा है। आवेदक देवीलाल साहू ने व उनके सुपुत्र होरी लाल साहू ने पेंडिंग प्रकरण में तहसील कार्यालय से हताश होने की बात कही है। कार्यालय में पहुंचे आम जनों से अधिकारियों द्वारा कड़क मिजाज में बात किया जाता है। भारत में खास तौर पर छत्तीसगढ़ में शिक्षा की कमी है ऐसे में इन अधिकारियों द्वारा यह भी नहीं देखा जाता कि सामने वाला कितना पढ़ा लिखा है और कितना समझ सकता है। आवेदक की बात रखने साथ आए परिजनों पर ही यहां के कर्मचारी बरस पड़ते हैं। तहसील के अधिकारियों द्वारा सौहार्दय पूर्ण व्यवहार की आशा करना ठीक वैसे ही है जैसे शेर से रहम की उम्मीद करना। अब देखना यह होगा कि इनका रवैया ऐसे ही जनता को पावर दिखाने वाला रहेगा या फि र प्रशासन इनके तेवरों को कम कर जनता के साथ घुल मिलकर काम करवा आपसी सौहार्दय बनाने में कामयाब हो पाएगी।