जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। रायगढ़ जिले के ब्लॉक मुख्यालय धरमजयगढ़ के ग्राम पंचायत बेहरामार में सरपंच-सचिव की उदासिनता सामने आई है। यहां निवासरत ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सरपंच-सचिव द्वारा बनाये गये शौचालय में न तो सैष्टिक टंैक है न ही सीट लगाया है और अगर किसी के यहां सीट लगा है तो दरवाजा नहीं लगा है। गांव में कई शौचालय दिखे जिसमें छत तक नहीं है। सरपंच-सचिव द्वारा बनाये गये शौचालय उपयोग करने योग्य नहीं है। पूरी तरह भ्रष्टाचार कर लाखों रूपये अपने जेब में भर लिए है। जबकि ग्राम पंचायत बेहरामार को फर्जी तरीके से ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। शासन के लाखों करोड़ों खर्च करने के बाद भी ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर है सरपंच-सचिव के भ्रष्टाचारी के कारण। बेहरामार पंचायत में सिर्फ शौचालय घोटाला ही नहीं हुआ है। इस पंचायत की निर्माण कार्य की अगर सही तरीके से जांच करवाया जाये तो लाखों नहीं करोड़ों का घोटाला उजागर होगा। ग्रामीणों की शिकातय पर कार्यवाही नहीं होने के कारण अब ग्रामीण भी जनपद पंचायत के अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं कि इनको मोटी कमीशन दे दिया गया है। मोटी कमीशन का ही नतीजा है कि बेहरामार पंचायत में बड़े मात्रा में शौचालय घोटाला होने के बाद भी जनपद पंचायत अधिकारी न तो जांच करवा रहे हैं और न ही भ्रष्ट सरपंच-सचिव पर कार्यवाही। अब आप खुद सोच सकते हैं कि लाखों करोड़ों घोटाला करने वालों पर अधिकारी मौन क्यों धारन कर बैंठे हैं? अगर बेहरामार पंचायत केे निर्माण कार्य की उचित जांच किया जाये तो लाखों का घोटाला उजागर होगा और भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच-सचिव जेल का हवा खायेंगे।