जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोल बाला है। शासकीय कार्यालयों में बिना चढ़ावा कुछ काम नहीं हो रहा है। उक्त बातें कहते हुए पुनीतकुमार राठिया अध्यक्ष जनपद पंचायत धरमजयगढ़ ने आगे कहा कि धरमजयगढ़ के ज्यादातर शासकीय कार्यालय जिसमें आम जनता से सीधा सरोकार है ऐसे कार्यालयों में बिना चढ़ावा कुछ काम नहीं हो रहा है। जिसका मुख्य कारण वर्षों से अधिकारी कर्मचारी का जमे रहना है। राठिया ने कहा कि छोटे-छोटे काम के लिए कार्यालयों के कई चक्कर लगाना पड़ रहा है। जिससे गरीब वर्ग के ग्रामीण ज्यादा परेशान हैं। किसी भी विभाग में ज्यादा दिनों तक अधिकारी के जमे रहने से भ्रष्टाचार ज्यादा होने लगता है। अभी के समय में भ्रष्टाचार चरम पर है। बी-1, खसरा, आय, जाति, राशनकार्ड, पेंशन, नामांतरण, सीमांकन सहित कुछ भी कार्य के लिए चढ़ावा अनिवार्य हो गया है। बता दें कुछ दिन पहले पुनीत राठिया ने अधिकारी राज चलने की बात कही थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी जगह अधिकारी मनमानी तरीके से काम कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की बात को अनसुना किया जा रहा है। अब जनपद अध्यक्ष जो खुद कांग्रेस पार्टी से हैं जो अपने ही सरकार के कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। राठिया के बातों से लग रहा है कि वे अधिकारियों के कार्यों से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं, और उनके खिलाफ मुखर हो कर बोल रहे हैं। जब सत्तापक्ष का एक जनपद अध्यक्ष इस तरह आरोप लगाते हुए अधिकारी राज व खुलेआम भ्रष्टाचार चलने की बात कह रहे हैं तो समझ लीजिए आम जनता व गरीब वर्ग किस तरह इनके चपेट में होगा। वहीं जनपद अध्यक्ष ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये अधिकारी सिर्फ बात करते हैं और कुछ नहीं करते सिर्फ हां हां करते रहते हैं। धरमजयगढ़ में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए एकबार वर्षों से जमे अधिकारी कर्मचारियों की ताबादला जरूरी है। अब देखा है कि जनपद पंचायत अध्यक्ष द्वारा लगाये के स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी पर क्या कार्यवाही होता है।