जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ की आदिवासी महिला को न्याय दिलो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी आदिवासी महिला न्याय से वंचित है। आरोपी द्वारा उसे डरा-धमकाकर प्रकरण वापसी के लिए मजबूर किए जाने की जानकारी मिली है।
उहोंने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के रायगढ़ जिले की धरमजयगढ़ तहसील अन्तर्गत आने वाले छोटे से गांव खम्हार में रहने वाली चारमती नामक आदिवासी महिला की जमीन को धरमजयगढ़ के आयुर्वेद डॉक्टर खुर्शीद खान और उसके भाई नूरूल्लाह और अमीर उल्लाह ने अपने नौकर मृणाल मल्लिक को उक्त आदिवासी महिला का मुख्त्यार बना कर पूरी जमीन अपने नाम पर लिखा लिया था। इस फ र्जीवाड़े की रिपोर्ट करने पर पुलिस ने किसी भी किस्म की कार्यवाही करने से साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद गरीब आदिवासी महिला ने रायगढ़ के सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा और आशीष कुमार मिश्रा के मार्फ त विशेष सत्र न्यायाधीष रायगढ़ के न्यायालय में परिवाद पत्र पेश किया। जिसकी सुनवाई के बाद विशेष सत्र न्यायाधीष ने अजाक थाना रायगढ़ की पुलिस को अपराधी डॉक्टर खुर्शीद खान वगैरह के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करने का आदेश दिया। न्यायालय का आदेश होने पर पुलिस ने डॉक्टर खुर्शीद खान, अमीर उल्लाह, नूरूल्लाह और मृणाल मल्लिक के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 120बी, 294, 506 भादंवि एवं धारा 3(1) (अ),1(ग) एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध तो दर्ज कर लिया परन्तु अपराधीगण को गिरफ्तार नहीं किया। डाङ्खक्टर खुर्शीद खान की अग्रिम जमानत याचिका सेशन कार्ट से और हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है एवं छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी उसकी अपील खारिज कर दी है लेकिन डॉ. खान खुलेआम घूम रहा है और आदिवासी महिला को डरा धमका कर केस वापसी के लिए मजबूर कर रहा है। इस पूरे मामले में पुलिस केवल मूक दर्शक बन कर खड़ी है। जो अज्ञात कारण वश डॉक्टर खुर्शीद खान को अभी भी गिरफ्तार करने से इंकार कर रही है। थक हार कर आदिवासी महिला ने देश के प्रधानमंत्री को हाईकोर्ट के आदेश की नकल संलग्न करके यह गुहार लगाई है कि धोखेबाज डॉक्टर को तत्काल गिरफ्तार कराया जाए एवं उसे न्याय दिलाया जाए। उल्लेखनीय है कि डाक्टर खुर्शीद खान की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इंकार करते हुए उसकी समस्त याचिकाएं खारिज कर दिया है।
आदिवासी की जमीन हड़प कर रहे कतिपय तत्व
आदिवासियों के प्रति पूरी संवेदना के साथ उनके हितों की रक्षा का वादा करके आपकी पार्टी सत्ता में आई है। लेकिन कतिपय तत्व राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण हासिल करके आदिवासियों की जमीन हड़प कर रहे हैं, और भोले-भाले आदिवासी न्याय पाने के लिए दर-ब-दर की ठोकरें खाने को मजबूर किए जा रहे हैं। यह स्थिति कांग्रेस व प्रदेश सरकार के कथन पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मैं विश्वास करता हूं कि मेेरे इस पत्र के परिपेक्ष्य में आप अपने प्रशासनिक अधिकारियों को उक्त आदिवासी महिला चारमती को न्याय प्राप्ति में सहयोग करने के लिए निर्देशित करेंगे।