जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक प्रत्याशी लीनव राठिया ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के ऊपर आदिवासी विरोधी होने की बात कही है। विगत दिनों घटे पत्थलगांव की घटना ने हम सभी को झंकझोर के रख दिया। जहां देवीभक्तों के ऊपर गांजा तस्करों ने गाड़ी चढ़ा दी। इस हृदय विदारक घटना की संपूर्ण देश में आलोचना हो रही है। लेकिन एक ओर हमारे प्रदेश के मुखिया भुपेश बघेल हैं जिन्हें दूसरे प्रदेश के आहतों का दु:ख तो दिखता है परंतु उन्हीं के प्रदेश में घटे घटना की उन्हें कोई फिक्र ही नहीं दिखती। नागरिक मंच ने आहतों को मुआवजा दिए जाने हेतु आंदोलन भी किया इसके बाद भी भुपेश बघेल द्वारा पीडि़त आदिवासी परिवारों के लिए किसी भी प्रकार के मुआवजे की घोषणा नहीं की है। अब जिस प्रदेश का मुखिया ही दिशाहीन राजनीति के पथ पर अग्रसर हो उसके विधायक से भी जनकल्याण की आश लगाना बेमानी ही होगी। पत्थलगांव में घटे घटना में धरमजयगढ़ विधानसभा के बटुराकछार के नृत्य मंडली के 20 आदिवासी सदस्य घायल हुये हंै जिनमे 4 लोगों की हालत चिंताजनक है। स्थानीय विधायक लालजीत सिंह राठिया लोकार्पण के कार्यक्रम में व्यस्त हैं। कार्यक्रम स्थल से अस्पताल की दूरी मात्र 20 किलो मीटर है परंतु उन्हें अब तक घायलों को देखने जाने का समय नहीं मिल रहा। अपने ही आदिवासी भाइयों से कोई लगाव नहीं रखने वाले विधायक जनता सब देख एवं समझ रही है। मेरी ईश्वर से प्राथना है कि घायलों को जल्द स्वस्थ कर दे परन्तु जो गंभीर रूप से घायल है वे स्वस्थ होने के बाद भी कम से कम छह माह तक परिश्रम वाला कार्य नही कर पाएंगे जो घायल हैं वे भी अभी मेहनत करने में सक्षम नहीं हो पाएंगे ऐसे में इनके परिवार का भरण पोषण कौन करेगा। विधायक लालजीत सिंह राठिया आपकी असंवेदनशीलता स्पष्ठ इस विषय में आम जन मानस महसूस कर रहा है। आपको तो अब तक आदिवासी भाइयों के हक के लिए आवाज उठा देनी थी। जिस मुख्यमंत्री की घोषणा मात्र सुनकर आप अमर्यादित लुंगी डांस करने से भी नहीं चुके क्या आज आपका फर्ज नहीं की उसी मुख्यमंत्री से अपने विधानसभा के लोगों के लिए मुआवजे की घोषणा करवाए। पूरे प्रदेश की जनता अब जान चुकी है कि आपका एवं आपके सरकार के मुखिया का असली चरित्र क्या है। अपनी राजनैतिक साख बचाए रखने के लिए दूसरे प्रदेश में जाकर राजनैतिक नौटंकी करने वाले भुपेश बघेल क्या पत्थलगांव आना आपका कर्तव्य नहीं। सभी सनातनियों के लिए नवरात्र पूजन का विशेष महत्व रहता है हमारे ये आहत आदिवासी भाई भी मईया के विसर्जन में कर्मा नृत्य कर ढोल बजाकर अपनी भक्ति दिखा रहे थे। ऐसे में ये घटना का होना सामान्य बात नहीं हो सकती। भारतीय जनता पार्टी ये मांग करती है कि सभी घायलों को सरकार 25 लाख रूपये मुआवजा देने की तत्काल घोषणा करे।