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धरमजयगढ़ में चल रहा अधिकारी राज, जनप्रतिनिधियों का नहीं सुनते अधिकारी: जनपद अध्यक्ष पुनीत राठिया… पूजा में प्रसाद बाटने की अनुमति नहीं, लेकिन मीना बाजार को अनुमति

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।

 धरमजयगढ़ जनपद पंचायत अध्यक्ष पुनीत राठिया ने अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाते हुए गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सिर्फ  अधिकारियों का राज चल रहा है। जबकि निर्वाचित एवं मनोनीत प्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। पुनीत राठिया ने धरमजयगढ़ के दशहरा मैदान में नवरात्रि पर्व के दौरान मीना बाजार लगाए जाने की अनुमति दिये जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के सामुहिक आयोजन करने की अनुमति प्रशासन द्वारा नहीं दी जा रही है तो फि र धरमजयगढ़ दशहरा मैदन में मीना बाजार की अनुमति कैसे दिया गया। उन्होंने कहा कि नियमों को ताक पर रख कर स्थानीय प्रशासन ने इसकी अनुमति दी है। इस विषय पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यहां के विभागीय अधिकारियों की मनमानी चरम पर है। जनप्रतिनिधियों की किसी भी बात को अधिकारी नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने हाल में ही बिरहोर बाहुल्य गांव में हुए एक शिविर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी किसी भी जनप्रतिनिधि को नही बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जमीनी स्तर पर कार्य करते हैं जिसके कारण वे ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत होते हुए उनका बेहतर एवं त्वरित निराकरण करने में सहयोग करते हैं। इसके अलावा कांग्रेस के युवा नेता भवानी सोनी ने भी मीना बाजार की अनुमति दिये जाने पर प्रशासन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब दुर्गा पंडाल में भंडारा लगाने, प्रसाद बांटने पर भी पाबंदी लगाई गई है तो मीना बाजार की अनुमति किस आधार पर दी गई है। उन्होंने कहा कि  मीना बाजार के कारण और ज्यादा लोग आएंगे। ऐसे में किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। उल्लेखनीय है कि अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किये जाने की खबरें पहले भी आती रही हैं। जनता के प्रति नौकरशाही एवं लोकशाही दोनों की अपनी जिम्मेदारियां हैं। दोनों के साझा प्रयासों से ही जन कल्याणकारी योजनाओं का सफ ल क्रियान्वयन सम्भव है। यह कि बेलगाम अफ सरशाही लोकतंत्र के लिए अहितकर है।

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