काबुल । अफगान लड़कियों और महिलाओं के आत्मसम्मान को चोट पहुंचाते हुए तालिबान ने एक और फरमान जारी किया है। तालिबान के नए फरमान के अनुसार 20 साल या उससे अधिक उम्र की सभी लड़कियों को अनिवार्य रूप से शादी करनी होगी। तालिबान ने कहा है कि इस आयुवर्ग की सभी लड़कियों का शादीशुदा होना जरूरी है। 18 साल से ऊपर की लड़कियों को शादी करने के बाद ही विश्वविद्यालय में पढ़ने की इजाज़त होगी।
उन्हें अपने शौहर के साथ यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इजाज़त दी जाएगी।
35 साल से कम उम्र की वे विधवाएं जिनके पति की पिछली सरकार के कार्यकाल में मौत हो गई है, उनका तालिबानी लड़ाकों के साथ निकाह का फरमान जारी किया गया है। तालिबान ने सत्ता पर क़ाबिज़ होने के बाद महिलाओं को काम पर न जाने का हुक्म सुनाया है और अब शरिया कानून लागू करने की आड़ में महिलाओं को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ने की साज़िश के तहत एक के बाद एक फरमान जारी कर रहे हैं। तालिबान लड़कियों और महिलाओं के आत्मसम्मान, उनकी आज़ादी और उनके अधिकारों को खत्म कर रहा है। इसके साथ ही तालिबान महिलाओं का एक धड़ा तैयार कर रहा है, जो तालिबानी फरमान को इस्लामी कानून में महिलाओं की सुरक्षा के लिए बताए गए उपाय करार दे रही है।