काहिरा । इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने पूर्वी अफगानिस्तान में तालिबान के वाहनों को निशाना बनाने के लिए किए गए सिलसिलेवार बम धमाकों की जिम्मेदारी ली है। आतंकवादी संगठन आईएस की मीडिया शाखा ने दावा किया है तालिबान के लिए उनके लंबे समय से प्रतिद्वंद्वियों द्वारा बढ़ते खतरे का संकेत देता है। आईएस के गढ़ प्रांतीय शहर जलालाबाद में रविवार और शनिवार को हुए हमलों में कई तालिबान आतंकियों सहित कम से कम आठ लोग मारे गए थे। तालिबान ने पिछले महीने एक अभियान में अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया काबुल की राजधानी को भी हथिया लिया। जब यूएस और नाटो अपने सैनिकों को वापस लेने के अंतिम चरण में थे। अमेरिका का अंतिम विदेशी सैनिक 30 अगस्त को रवाना हुआ।
अफगानिस्तान पर शासन करने की कोशिश में तालिबान को अब बड़ी आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और आईएस के हमले उन प्रयासों को और जटिल बना दे रहे हैं। बता दें कि विदेशी सैनिकों के अफगानिस्तान की धरती छोड़ने से पहले तालिबान और आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) चरमपंथी दुश्मन थे। दोनों समूह इस्लाम की कठोर व्याख्या की सदस्यता लेते हैं लेकिन तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण रखने पर ध्यान केंद्रित किया है जबकि अफगानिस्तान और अन्य जगहों पर आईएस के सहयोगी वैश्विक जिहाद का आह्वान करते हैं।
अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत स्थित जलालाबाद में शनिवार को तालिबानी लड़ाकों को निशाना बनाकर किए गए सिलसिलेवार तीन धमाकों में तीन की मौत हो गई, जबकि 21 घायल हो गए। देश की सत्ता पर कब्जे के बाद नंगरहार में तालिबान पर हमले की यह पहली घटना है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जलालाबाद स्थित प्रांतीय अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से दो की मौत हो गई। एक बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई थी। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार तीन पीड़ित आम नागरिक थे, जबकि बाकी तालिबानी लड़ाके थे। उधर, काबुल के पश्चिम में हुए एक धमाके में तीन लोग घायल हो गए।