इस्लामाबाद । शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन के दौरान हुई एक घटना ने उनकी मंत्री और उनकी जग हंसाई करा दी। इमरान खान जितनी आक्रामकता दुनिया के सामने दिखाते हैं, उनके अपने ही मंत्री उनकी बातों को कितनी गंभीरता से लेते हैं, यह एक ताजा वीडियो में साफ दिख रहा है। एससीओ की बैठक में इमरान अफगानिस्तान के हालात पर अपनी बात रख रहे थे और उनके मंत्री बगल में बैठकर जम्हाई ले रहे थे। ये पूरा वाकया कैमरे पर कैद भी हो गया।
ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में 20वीं एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद को इमरान संबोधित कर रहे थे। इस दौरान वह अफगानिस्तान को कभी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने देने पर जोर दे रहे थे। तभी उनके मंत्री फवाद चौधरी बुरी तरह जम्हाई लेते दिखाई दिए। सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि फवाद कई बार जम्हाई रोकने की कोशिश भी करते हैं लेकिन रोक नहीं पाते। इसके बाद से उनकी और इमरान दोनों की काफी खिंचाई की जा रही है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि काबुल में सत्ता पर तालिबान के कब्जा करने के बाद एक ‘नई हकीकत’ स्थापित हुई है और अब यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सामूहिक हित है कि कोई नया संघर्ष नहीं हो और युद्ध प्रभावित देश में सुरक्षा स्थिति स्थिर रहे। डॉन अखबार ने उनके हवाले से कहा कि एक शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान से पाकिस्तान का हित जुड़ा हुआ है। खान ने कहा कि तालिबान के नियत्रंण करने और विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में एक नयी हकीकत स्थापित हुई है। यह बगैर रक्तपात, गृहयुद्ध और बड़ी संख्या में शरणार्थियों के पलायन किये बगैर हुआ, जो राहत की बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अब यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सामूहिक हित है कि कोई नया संघर्ष नहीं हो और युद्ध प्रभावित देश में सुरक्षा की स्थिति स्थिर हो।’
खान ने कहा कि अफगानिस्तान को बगैर देर किए मानवीय सहायता देना जरूरी है क्योंकि यह वक्त मौजूदा चुनौतियों से बाहर आने में अफगान की मदद करने के लिए उनके साथ खड़े होने का है। उन्होंने कहा, ‘हमें यह अवश्य याद रखना चाहिए कि अफगान सरकार मुख्य रूप से विदेशी सहायता पर ही निर्भर है।’ उन्होंने कहा कि तालिबान शासकों को अपने वादों को बखूबी पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘तालिबान को समावेशी राजनीतिक ढांचे के लिए किये गये वादों को अवश्य पूरा करना चाहिए, जहां सभी जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व हो। यह अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए जरूरी है।’ खान ने कहा कि अफगानिस्तान को बाहर से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। आठ देशों, चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान का समूह एससीओ दुशांबे में अपना 21 वां शिखर सम्मेलन कर रहा है।