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जिले में सत्ता पक्ष के चार विधायक एक मंत्री फिर भी सडक़ का हाल बेहाल, जनप्रतिनिधि मौन… जान जोखिम में डलकर सडक़ पर चलते क्षेत्रवासी

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जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़ ।

जिले के सडक़ों का हाल इतना खराब है कि चलना दूभर हो जाता है। गाड़ी तो क्या सडक़ पर पैदल चलना यानि आपनी जान जोखिम में डालना होता है। धरमजयगढ़ क्षेत्र की सडक़ों का हाल इतना खराब है कि लोग घर से निकलते समय भगवान को याद करके निकलते हैं ताकि घर सही सलामत लौट आएं। विडंबना है कि जिले वासियों ने वोट देकर सत्ता पक्ष को पांच विधायक दिये हैं। लेकिन चार विधायक और एक मंत्री होने के बाद भी क्षेत्र की सडक़ों का बुरा हाल है। भाजपा शासन काल में सडक़ को लेकर कई बार हड़ताल, चक्का जाम करने वाले नेता अब सत्ता की कुर्सी में बैठने के बाद भूल गये क्षेत्र की सडक़ों की समस्या को। अब इनको क्षेत्र की सडक़ खराब नहीं लग रहे हैं ये नेताओं को अब सडक़ चका-चक दिखने लगा है। क्योंकि सत्ता की कुर्सी पाने के बाद क्षेत्र की जनताओं का समस्या खत्म हो गया है इन नेताओं के लिए। ये जनप्रतिनिधि भूल गये की सत्ता की कुर्सी तक क्षेत्र के जनता ही पहुंचाया है। जब कुर्सी में बैठा सकते हैं तो कुर्सी से उतारने के लिए समय भी नहीं लगेगा इन जनताओं को। जनप्रतिनिधि अब भी क्षेत्रवासियों की सडक़ की समस्या को दूर करने में ध्यान दे नहीं तो आने वाले समय में क्षेत्र की जनता इन नेताओं को सबक सिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।सडक़ का हाल देख शर्म से झूक जाता सरधरमजयगढ़ शहर के चारों ओर की सडक़ को देखने से क्षेत्रवासियों को सर शर्म से झूक जाता है कि हम इस शहर में रहते हैं। लेकिन जनप्रतिनिधियों को सडक़ की हाल पर किसी भी प्रकार की कोई शर्म नहीं आता है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को थोड़ी सी शर्म आनी चाहिए सडक़ का हाल देखकर। क्षेत्रवासियों ने इन जनप्रतिनिधियों को इसलिए कुर्सी पर बैठाया ताकि क्षेत्र की समस्या धरमजयगढ़ से लेकर रायगढ़, रायपुर तक रखे। लेकिन ये जनप्रतिनिधियों को क्षेत्रवासियों की समस्या से कोई सारोकार नहीं है। अगर इनको क्षेत्रवासियों से थोड़ा भी सारोकर रहता तो आज सडक़ का हाल इतना खराब न होता। चार विधायक और एक मंत्री अगर रायपुर में एक साथ एक बार दहाड़ते तो आज सडक़ का हाल ऐसा न होता। लेकिन ये लोग दहाड़ेंगे क्यों? खस्ता सडक़ ने भाजपा को सिखाया सबक15 साल भाजपा की शासन प्रदेश में होने के बाद भी जिले के सडक़ों का हाल बूरा था। लोग सडक़ को लेकर परेशान थे। बार-बार क्षेत्रवासी अच्छी सडक़ की मांग कर रहे थे। लेकिन ये लोग ध्यान नहीं दिये जनता की  मांग को। सत्ता के सुख में भाजपा भूल गये थे कि कोई इनको सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा सकता है। 2018 के चुनाव में जिले वासियों ने भाजपा को अच्छी तरीके से सबक सिखाया और जिले के सभी विधानसभा से छूट्टी कर दिया और कांग्रेस को जिले के पांचों सीट पर जीत दिलाई थी। लेकिन 15 साल तक सत्ता से बाहर रहने के बाद सत्ता में आते ही ये नेता भूल गये कि क्षेत्र की जनता इनको कुर्सी पर क्यों बैठाया है। अभी भी समय है ये लोग सुधर जाये और क्षेत्रवासियों की समस्या को दूर करें नहीं तो आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता इनको अच्छे से सबक सिखायेगी।

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