रायपुर,।जिले में बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण प्रभावित लोगों को जिला प्रशासन द्वारा त्वरित राहत देते हुए उनके रहने और भोजन की व्यवस्था की गई।जिसे लोगों ने राहत की सांस ली।एक तरफ अतिवृष्टि के कारण जहां बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी। वहीं नदी और तटीय इलाकों में कई लोग फंसे हुए थे।जिला प्रशासन द्वारा टीम गठित कर 6 जगह पर फंसे 18 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया है।
कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर के मार्गदर्शन में बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए स्थानीय पंचायतों एवं गरियाबंद के मंगल भवन में रहने और भोजन की त्वरित व्यवस्था की गई।स्थानीय मंगल भवन में राहत कैम्प में रहने आयी गरियाबंद की गायत्री बाई डोंगरे अपनी माॅ, भाई और बेटी के साथ है। उन्होंने बताया कि अत्यधिक बारिश से उनका मकान गिर गया है।यहां आकर वह सुरक्षित महसूस कर रही है। इसी तरह वार्ड-11 की दुलेशिया बाई अपनी नातिन के साथ रहने आयी हैं। यहां जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था वह संतुष्ट दिखाई दी।कुमारी साहनी और 85 साल की प्रेमबति भी इस राहत कैम्प में आकर सुरक्षित है। उन्होंने यहां भोजन, नाश्ता और अन्य व्यवस्थाओं को सराहा है।कलेक्टर ने स्वयं इस कैम्प का अवलोकन कर प्रभावितों से बातचीत की है। उन्हें विश्वास दिलाया है कि जिला प्रशासन इस आसन्न संकट में उनके साथ खड़ी है।गरियाबंद नगरीय निकाय अंतर्गत मंगल भवन में 35 परिवार के 135 सदस्यों के रहने एवं भोजन की व्यवस्था की गई है। पाण्डुका के सरपंच दुजेश्वर ठाकुर द्वारा यात्रा के दौरान फसे यात्रियों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई। कई ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रभावित लोगों को पंचायत में ठहराकर भोजन दिया गया।
कलेक्टर क्षीरसागर के निर्देश पर राहत और बचाव दल रात्रि में भी इन इलाकों में डटे रहे। इस भीषण बाढ़ से जनहानि रोकने में सफलता मिली लेकिन 2 पशुधन की हानि हुई है।साथ ही 403 मकान क्षतिग्रस्त हुए है, वही 322 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल क्षति हुई है।सबसे ज्यादा गरियाबंद तहसील में 192 हेक्टेयर, राजिम ने 80 हेक्टेयर और छुरा में 50 हेक्टेयर फसल क्षति का आंकलन किया गया। जिला प्रशासन द्वारा शासन के दिशा-निर्देश अनुसार सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
15 सितम्बर को गरियाबंद तहसील में 83.1 मि.मी.वर्षा, राजिम तहसील में 14 मि.मी., छुरा में 9.5 मि.मी. वर्षा, मैनपुर में 35.2 मि.मी. और देवभोग तहसील में 2.6 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। आज अल्पबारिश के कारण जिले में जनजीवन सामान्य है एवं जिला मुख्यालय का सम्पर्क पुनः जुड़ गया है।