भोपाल । प्रदेश के धार जिले की मप्र ग्रामीण बैंक राजगढ में 96 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ है। इस घोटाले को तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने किसानों के साथ मिलकर अंजाम दिया है। बैंक के अधिकारियों के आवेदन पर जांच के बाद रविवार रात को स्थानीय पुलिस थाने पर एसडीओपी आरएस मेड़ा ने राजगढ़ थाने पर तत्कालीन शाखा प्रबंधक और 18 किसानों पर प्रकरण दर्ज करवाया है। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा राजगढ़ के तत्कालीन शाखा प्रबंधक कैलाशचंद्र आर्य हाल मुकाम उज्जैन ने वर्ष 2015 में भानगढ़ के 18 किसानों के साथ मिलकर किसान क्रेडिट कार्ड पर खाता-खसरा नकल फर्जी अभिलेख दस्तावेज के आधार पर धोखाधडी कर फर्जी ऋण के लिए कुट रचित दस्तावेज व असत्य जानकारी बैंक में देकर ऋण के कुल 96 लाख 45 हजार रुपये स्वीकृत कर किसान क्रेडिट लोन दिया गया था। मामले में एसडीओपी ने राजगढ़ थाने पर रविवार रात्रि तत्कालीन बैंक प्रबंधक सहित भानगढ़ निवासी 18 किसान तुलसीबाई पत्नी रमेश कुमावत, रामकिशन पूत्र रमेश उर्फ भेरूलाल कुमावत, नराण पूत्र गोपाल कुमावत, पुंजीबाई पत्नी मुन्नालाल कुमावत, राधेश्याम पूत्र वरदीचंद्र, देवबाई पूत्र वरदीचंद्र कुमावत, हिम्मतराम पूत्र प्रेमचंद्र कुमावत, कालू पूत्र नन्दु भील, गणपत पूत्र पुनाजी कुमावत, लक्ष्मण पूत्र पुनाजी कुमावत, दिनेश पूत्र काशीराम कुमावत, हरीनारायण पूत्र बालु कुमावत, गेंदालाल पूत्र नरसिहं कुमावत, बालू पूत्र तोलाराम कुमावत, भुरीबाई पत्नी सुहागमल कुमावत, धन्नालाल पत्नी दीपा कुमावत, मोतिलाल पत्नी लुनाजी और बाबुलाल पूत्र लक्ष्मण कुमावत निवासी भानगढ के विरुद्ध भादवि की धारा 420, 467, 468, 469, 470, 471, 34 में प्रकरण दर्ज किया गया है। इस बारे में एसडीओपी सरदारपुर, आरएस मेड़ का कहना है कि बैंक के अधिकारियों द्वारा आवेदन दिया गया था। मामले में जांच के बाद रविवार रात्रि में राजगढ़ थाने पर मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा राजगढ़ के तत्कालीन शाखा प्रबंधक तथा 18 किसानों पर प्रकरण दर्ज किया गया है।