भोपाल । किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा प्रारंभ होने के बाद राजधानी के सरकारी अस्पताल हमीदिया में बोनमैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा फिर शुरू होने जा रही है। अस्पताल प्रबंधन इसकी तैयारी करने में जुट गया है। इसके लिए पैथोलाजी विभाग को प्रस्ताव बनाने के निर्देश चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मंत्रालय में हुई जीएमसी की साधारण सभा की बैठक में दिए हैं।गौरतलब है कि जिन लोगों को खून नहीं बनने की बीमारी होती है, उनका बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसके अलावा मंत्री ने जीएमसी को देश का उत्कृष्ट शोध संस्थान बनाने के लिए भी कहा है। इसका फायदा सीधे या परोक्ष तौर पर मरीजों को ही मिलेगा। सामग्री क्रय विभाग की लगातार शिकायतें आने के बाद सारंग ने प्रभारी को बदलने के लिए कहा है। गौरतलब है कि हमीदिया अस्पताल में विगत मंगलवार से किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हुई है। हमीदिया यह सुविधा शुरू करने वाला प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल है। हमीदिया अस्पताल के दो हजार बिस्तर के नए अस्पताल भवन का काम 30 सितंबर तक पूरा होने की समय सीमा थी, लेकिन कांच लगाने समेत फिनिशिंग का काम बाकी है। इस कारण ब्लाक-दो काम 15 अक्टूबर तक और ब्लाक-1 का काम नवंबर में पूरा होने की उम्मीद है। इसका निर्माण पीआइयू कर रही है। मंत्री ने साधारण सभा की बैठक में मौजूद पीआइयू के अधिकारियों से काम में देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की। बता दें करीब चार साल पहले जीएमसी की तरफ से कमला नेहरू अस्पताल में बोनमैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने की तैयारी थी। इसी बीच इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कालेज में यह सुविधा शुरू होने के बाद जीएमसी में शुरू नहीं की गई। इसके पीछे तत्कालीन प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा राधेश्याम जुलानिया का मानना था कि ट्रांसप्लांट के इतने मरीज नहीं होते कि दो जगह सुविधा शुरू की जाए।