बिलासपुर । रेलवे स्टेशन में एक बड़ा हादसा होते होते रह गया। इस मामले में दोषी तीन स्टेशन मास्टरों को देर रात आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। रायगढ़-गोंदिया झारसुगड़ा पैसेंजर मंगलवार दोपहर बिलासपुर रेलवे स्टेशन में ही भयंकर दुर्घटना होते-होते बच गई थी। उसे जिस प्लेटफार्म पर आने का सिग्नल दिया गया था उस प्लेटफार्म पर पहले से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की खाली रैक खड़ी थी। माना जा रहा है कि ऐसा आरआरआई केबिन के स्टेशन मास्टरों की लापरवाही की वजह से हुआ है। इस मामले में जब जांच की गई तो स्टेशन मास्टर डीके स्वर्णकार और केके सिन्हा की लापरवाही सामने आई। जैसे ही इन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई देर रात में ही उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। वहीं कंट्रोलिंग वाले स्टेशन मास्टर राघव राव से भी पूछताछ की गई। इसके बाद बुधवार को उनको भी सस्पेंड कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब 1.20 बजे रायगढ़ से झारसुगड़ा जाने वाली जेडी पैसेंजर बिलासपुर आ रही थी। उसे 4 नंबर प्लेटफार्म पर जाने की सूचना ट्रेन के लोको पायलट को दी गई थी। चुचुहियापारा ओवरब्रिज से पहले होम सिग्नल पार करते ही ट्रेन ने पटरी चेंज की तो लोको पायलट को आशंका हुई कि ट्रेन गलत ट्रैक पर जा रही है। उसने तत्काल ट्रेन रोकी और बिलासपुर के स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी। सूचना आरआरआई केबिन को भी दी गई। लोको पायलट की सतर्कता से ही स्टेशन एक बड़ा हादसा होते-होते रह गया। नहीं तो दो पैसेंजर ट्रेनों के बीच टक्कर होना तय था।